उत्तर प्रदेशलखनऊ

हापुड़ में उधार की चायपत्ती को लेकर खून खराबा, ‘भाईजान’ के दो गुटों में जमकर हुई पत्थरबाजी

लखनऊ। साइबर जालसाजों ने डीआईजी पीएसी मुख्यालय को डिजिटल अरेस्ट कर ठगी का प्रयास किया। इस मामले में उन्होंने महानगर थाने में एफआईआर दर्ज कराई है।

डीआईजी किरीट राठोड के मुताबिक उनके सीयूजी नंबर पर 28 अगस्त की दोपहर तीन बजे के करीब एक कॉल आई। पूछा कि भोलानाथ बोल रहे हो, मना किया और उसके बारे में पूछा। कॉल करने वाले ने बताया कि पहलगाम से इंस्पेक्टर रणजीत कुमार है। धमकाते हुए कहा कि इस सीयूजी नंबर से आतंकियों से बात की गई है। जैसे ही उसे बताया कि वह पुलिस विभाग के अधिकारी हैं। इस पर कॉल करने वाले अभद्रता करते हुए मोबाइल बंद कर दिया। उन्होंने महानगर थाने में तहरीर दी। जिसके आधार पर एफआईआर दर्ज कर लिया गया है। इंस्पेक्टर महानगर अखिलेश मिश्रा के मुताबिक मामले की जांच की जा रही है।

दंपति को डिजिटल अरेस्ट कर 50 लाख ऐंठे

शीतलखेड़ा निवासी केंद्रीय विद्यालय की शिक्षिका रश्मि प्रधान के पति दिनेश प्रधान एसजीपीजीआई से सेवानिवृत्त हैं। 18 अगस्त को उनके मोबाइल पर किसी महिला ने फोन कर खुद को कश्मीर पुलिस की इंस्पेक्टर अनिता वर्मा ने बताया। कहा, दिनेश का कनेक्शन पहलगाम आतंकी हमले से है। उनके आधार कार्ड से आतंकियों ने एचडीएफसी बैंक में 70 करोड़ रुपये ट्रांसफर कराए हैं। मोबाइल पर फर्जी गिरफ्तारी वारंट भेजा। खुद को एटीएस का अधिकारी बताने वाले दूसरे व्यक्ति से भी बात कराई।

आरोप लगाया कि रकम ट्रांसफर कराने के एवज में दिनेश के खाते में कमीशन भेजा गया। दंपति को 19 से 22 अगस्त तक डिजिटल अरेस्ट रखा तीन किस्तों में 50 लाख रुपये खातों में ट्रांसफर करा लिए। फिर 20 लाख मांगे, न देने पर धमकी दी। 30 अगस्त को पीड़िता ने पीजीआई थाने में तहरीर दी। इंस्पेक्टर पीजीआई धीरेंद्र सिंह के मुताबिक एफआईआर दर्ज कर लिया गया है। मामले की जांच की जा रही है।

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