उत्तर प्रदेशलखनऊ

बिजली दर की बढ़ोत्तरी के मुद्दे पर सुनवाई पूरी, मूल्य वृद्धि के आसार कम

  • नियामक आयोग में उपभोक्ता परिषद ने तथ्य के साथ दर्ज कराया विरोध, बिजली दर कम करने की मांग

लखनऊ। प्रदेश की सभी बिजली कंपनियों में बिजली दर बढ़ोत्तरी पर सुनवाई पूरी हो गयी। इस सुनवाई में पूरे प्रदेश के उपभोक्ताओं ने जागरूकता का परिचय दिया और नियामक आयोग में सुनवाई के दौरान बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने भी पूरे तथ्य के साथ बिजली दर में कटौती की सिफारिश की।

उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने शनिवार काे बताया कि प्रदेश की सभी बिजली कंपनियों में बिजली दर बढ़ोत्तरी के खिलाफ उपभोक्ताओं की व्यापक लामबंदी जागरूक कार्यप्रणाली का नतीजा है। उन्होंने कहा कि पूरी संभावना है कि आयोग बिजली दर में कमी पर विचार करेगा। बिजली कंपनियों पर निकल रहे सरप्लस की रकम के बदले बिजली दर में की मांग उपभोक्ता परिषद ने की है। इसके साथ ही स्मार्ट प्रीपेड मीटर के खरीद की जांच की मांग भी विद्युत नियामक आयोग में उठाया गया है।

यह बता दें कि प्रदेश की बिजली कंपनियों की तरफ से विद्युत नियामक आयोग में दाखिल 18 से 23 प्रतिशत बिजली दरों में बढ़ोत्तरी प्रस्ताव रखा गया था। इस मामले में विद्युत नियामक आयोग ने जहां बनारस, लखनऊ, आगरा व नोएडा में आम जनता की सुनवाई के माध्यम से बिजली दरों में बढ़ोत्तरी पर उनकी राय लिखित और मौखिक रूप में एकत्रित किया गया। इस बार की सुनवाई में, जहां किसानों इंडस्ट्री घरेलू उपभोक्ताओं व्यापारियों, बुद्धिजीवियों, वकीलों सभी ने बढ़-चढ़कर भाग लिया।

जनपदों में उपभोक्ताओं ने एक सुर में बिजली कंपनियों की बढ़ोत्तरी को खारिज करते हुए प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं का जो बिजली कंपनियों पर सरप्लस रुपया 25,133 करोड़ निकल रहा है। उसके एवज में बिजली दरों में कमी की मांग उठाई। वहीं दूसरा सबसे बड़ा मुद्दा स्मार्ट प्रीपेड मीटर की खरीद का भी सुनवाईयों में गूंजता रहा। इस पर विद्युत नियामक आयोग चेयरमैन द्वारा स्पष्ट किया गया कि इसका भार प्रदेश की जनता पर नहीं पड़ेगा और नियामक आयोग इसे आम जनता पर नहीं डालेगा। तीसरा सबसे बडा मुद्दा पूरे प्रदेश में 5000 करोड़ से ज्यादा की बिजली चोरी का भी रहा, जिस पर ज्यादातर उपभोक्ताओं की राय यही रही कि बिजली कंपनियों के अभियंता अपने निजी स्वार्थ में अनेकों जनपदों में बिजली चोरी कराने में संलिप्त है, जिसका खामियाजा है कि बिजली चोरी बढ़ रही है।

उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि उपभोक्ता परिषद ने पूरे प्रदेश में सभी बिजली निगमों की सुनवाई में भाग लेकर प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं के हित में बढ़ोत्तरी का कड़ा विरोध किया। इसके साथ ही बिजली दरों में कमी की मांग उठाई। अब आगे देखना यह होगा कि विद्युत नियामक आयोग इस पर क्या फैसला लेता है। फिलहाल उपभोक्ता परिषद अब आगे विद्युत नियामक आयोग द्वारा संभावित राज्य सलाहकार समिति की बैठक की ओर रहेगा। उपभोक्ता परिषद अभी से तैयारी में जुट गया है कि जब भी राज्य सलाहकार समिति की बैठक बिजली दर के मुद्दे पर आयोजित की जाएगी। उसमें उपभोक्ता परिषद पूरी तैयारी के साथ उपभोक्ताओं की बिजली दरों में कमी की मांग उठाएगा।

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