उत्तर प्रदेशलखनऊ

लखनऊ में MSME कारोबारियों की मांग, कर में छूट दे सरकार

उत्तर प्रदेश में एमएसएमई उद्योग से जुड़े कारोबारियों का कहना है कि उद्योग को बचाने के लिए सरकार को टैक्स में छूट देने के साथ ही बाजार के अन्य विकल्पों पर ध्यान देना चाहिये। मुरादाबाद कारखानेदार एसोसिएशन के चेयरमैन आजम अंसारी बताते हैं कि कोरोना के बाद से ही पीतल व मेटल उद्योग मुहाने पर खड़ा था। 2000 करोड़ रुपये की इंडस्ट्री आज आधी रह गई है। उनका कहना है कि पहले हम मशीनीकरण से जूझ रहे थे और अब टैरिफ से। जो माल हम 100 रुपये में बेचते हैं, चाइना उसे 25 रुपये में बेचता है। ऐसे में हमारा समान तो पहले से ही मंहगा था और अब और महंगा हो जाएगा।

 उन्होंने कहा कि इसमें सरकार को चाहिए कि विदेशी मुद्रा पर जो ड्रा वेट 20 फीसद लगता था, उसे सरकार को चार फीसद कर देना चाहिए। साथ ही अन्य छूट भी देने के विकल्पों पर विचार करना चाहिए। उन्होने कहा कि प्रदेश में एनडी तिवारी के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ही ऐसे मुख्यमंत्री हुए हैं, जिन्होंने हस्तशिल्प को ओडीओपी के तहत नया आयाम देने का काम किया है। ऐसे में सरकार को डॉमेस्टिक के साथ ही बाजार के अन्य विकल्प की ओर देखने चाहिए।

आल इंडिया कार्पेट मैन्युफैक्चर एसोसिएशन, भदोही के आनरेरी सेक्रेटरी व उपाध्यक्ष रहे तनवीर हुसैन का कहना है कि सरकार ने ओडीओपी में भदोही के कालीन को शामिल करके एक बेहतर प्लेटफार्म दिया है। टैरिफ को लेकर उनका कहना है कि 8000 करोड़ रुपये का यह उद्योग है। इस समय 60 फीसद एक्सपोर्ट अमेरिका को हो रहा है। ऐसे में यह उद्योग टैरिफ के चलते सीधे तौर पर प्रभावित होगा। उनका कहना है कि पहले मंदी ने मारा और अब टैरिफ। उनका कहना है कि सरकार को चाहिए कि अमेरिका को छोड़ अन्य बाजार जैसे यूरोप, कनाडा, ब्राजील, रशिया, अफ्रीका, मिडिल ईस्ट के देशों की तरफ देखना चाहिए। साथ ही सरकार को फौरी तौर पर 25 से 30 फीसद टैक्स में छूट देनी चाहिए। जिससे उद्योग को बचाया जा सके।

काउंसिल लेदर आफ एक्सपोर्ट कानपुर के चेयरमैन असद इराकी का कहना है कि भारत से यूएस को 10000 करोड़ रुपये का लेदर एक्सपोर्ट होता है। जिसमे कानपुर और उन्नाव से 2000 करोड़ रुपये की हिस्सेदारी है। टैरिफ के चलते बाजार गड़बड़ हो जाएगा। उनका कहना है कि इसमें सरकार को चाहिए कि अल्टरनेट मार्केट की तरफ ध्यान दे। अभी हाल ही में यूके के साथ फ्री ट्रेड पर प्रधानमंत्री ने समझौता किया है। ऐसे में सरकार को चाहिए कि उद्योग को नुकसान से बचाने के लिए लाइसेंस ड्यूटी फ्री के साथ टैक्स में छूट देने चाहिए। रेशमी कारोबार के हब के रूप में शामिल आजमगढ़ के मुबारकपुर कस्बे के कारोबारी इफ्तेखार मुनीब का कहना है कि टैरिफ के चलते काफी लोगों में हाहाकार मचा हुआ है। पिछले साल यहां से 85 से 90 करोड़ का कारोबार हुआ था। उनका कहना है कि यूएस में टेक्सटाइल का काफी निर्यात होता है। ऐसे में सरकार को चाहिए कि वह छूट देने के साथ ही अन्य विकल्प पर विचार करे। इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के एग्जयूटिव डायरेक्टर डीएस वर्मा का कहना है कि इसका असर सभी सेक्टर पर नही पड़ेगा। इसके अंतर्गत गारमेंट, लेदर, हैंडीक्राफ्ट सेक्टर पर ज्यादा होगा। उन्होंने कहा कि इस बाबत हमारे नेशनल प्रेसिडेंट की तरफ से भारत सरकार को कुछ सुझाव दिए गए हैं। इसके साथ ही हम अपने मेम्बर को भी सुझाव दे रहे हैं। सरकार को चाहिए तात्कालिक लाभ के तौर पर पहला काम जो उद्यमियों ने बैंकों से कर्ज ले रखा है, उनसे बात कर लोन चुकाने की अवधि का विस्तार कर। साथ ही टैक्स में छूट देने के साथ ही अन्य विकल्प भी देखे।

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