उत्तर प्रदेश

बिल संशोधन में अनियमितता के आरोप में अधिशाषी अभियन्ता सहित 05 कार्मिकों के विरूद्ध एफआईआर दर्ज।

लखनऊः 28 सितम्बर, 2022:बिल संशोधन में अनियमितता के आरोप में एक अधिशाषी अभियन्ता, एक उपखण्ड अधिकारी तथा तीन कार्यकारी सहायकों के विरूद्ध एफआईआर कराई गयी है। इनके विरूद्ध नियमानुसार विभागीय कार्यवाही भी की जायेगी। जिनके विरूद्ध एफआईआर की गयी है उसमें हरिशंकर अधिशाषी अभियन्ता, ईश्वर शरण सिंह उपखण्ड अधिकारी, अविनाश मणी पाण्डेय कार्यकारी सहायक, राजकपूर कार्यकारी सहायक एवं रूद्रप्रताप पाण्डेय कार्यकारी सहायक शामिल हैं।
उ.प्र. पावर कारपोरेशन अध्यक्ष एम. देवराज ने बताया है कि उपभोक्ताओं के बिल संशोधन में शिकायत मिलने पर दो सदस्यीय जांच समिति गठित की गयी थी। इस जांच समिति की रिपोर्ट में पाया गया कि विभागीय उपखण्ड अधिकारी, अवर अभियन्ता की रिपोर्ट किसी भी संशोधन में नही ली गयी। उपभोक्ता द्वारा पार्ट पेमेन्ट जमा करने के प्रकरण में सरचार्ज गणना नियमानुसार नहीं की गयी है। कई उपभोक्ताओं के मीटर बदलने तथा नये मीटर लगाने की सीलिंग का संज्ञान ठीक ढंग से नही लिया गया। उपभोक्ता की प्रतिमाह विद्युत खपत अत्यन्त कम है। अतः बिल संशोधन से पूर्व परिसर की विभागीय उपखण्ड अधिकारी, अवर अभियन्ता की रिपोर्ट लगवानी चाहिए थी। उपभोक्ताओं द्वारा आरसी, डीसी के मद में जमा की गयी धनराशि को भी उपभोक्ताओं के बीजकों में से घटा दी गयी है। जबकि इस धनराशि का मद अलग है। इससे उपभोक्ता को अनुचित लाभ भी मिला है।
जांच कमेटी ने पाया कि उक्त अनियमितता में हरिशंकर अधिशाषी अभियन्ता, ईश्वर शरण सिंह उपखण्ड अधिकारी, अविनाश मणी पाण्डेय कार्यकारी सहायक, राजकपूर कार्यकारी सहायक एवं रूद्रप्रताप पाण्डेय कार्यकारी सहायक की संलिप्तता प्रतीत होती है। जिससे कम्पनी को लेनदारों से वसूल की गयी धनराशि रू0 362355.00 कम वसूली हुयी है।
जॉच समिति की रिपोर्ट के आधार पर अधीक्षण अभियन्ता महाराजगंज द्वारा कोतवाली में इन 05 कार्मिकों के विरूद्ध एफआईआर करायी गयी है।

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