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NHM: म्यूचुअल ट्रांसफर प्रक्रिया में देरी दुर्भाग्यपूर्ण, अप्रैल माह में सूची जारी करने की उठी मांग

लखनऊ,। उत्तर प्रदेश संयुक्त राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन कर्मचारी संघ के प्रदेश महामंत्री योगेश उपाध्याय ने म्यूचुअल ट्रांसफर प्रक्रिया में अनावश्यक विलंब पर गहरी चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा है कि दिसंबर 2024 में प्रक्रिया शुरू होने के बावजूद अब तक स्थानांतरण सूची जारी नहीं की गई, जिससे हजारों कर्मी मानसिक तनाव में हैं

उन्होंने बताया कि बीच में दो बार आवेदन की तिथि बढ़ाई गई, परंतु अंतिम सूची अब तक न आने से विभाग की कार्यशैली पर प्रश्नचिह्न लगने लगे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि वर्तमान स्थिति में कई कर्मचारी अपने बच्चों के विद्यालयों में प्रवेश को लेकर असमंजस में हैं, क्योंकि वे स्थानांतरण सूची के अनुसार ही नए विद्यालयों में एडमिशन कराना चाहते हैं।

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि ऐसी अनिश्चितता की स्थिति में कुछ लोग भ्रम फैलाकर कर्मियों को बरगलाने का प्रयास कर रहे हैं, जो अत्यंत निंदनीय है। संघ की ओर से यह स्पष्ट मांग की गई है कि म्यूचुअल ट्रांसफर प्रक्रिया को अप्रैल माह में ही पूर्ण कर सूची तत्काल जारी की जाए। इससे न केवल कर्मचारियों को राहत मिलेगी, बल्कि सरकार की जनहितकारी छवि भी और अधिक मजबूत होगी। उन्होंने मिशन निदेशक, प्रमुख सचिव स्वास्थ्य, माननीय उपमुख्यमंत्री एवं महाप्रबंधक (मानव संसाधन) को पत्र लिखकर समयबद्ध और पारदर्शी प्रक्रिया अपनाने की अपील की है।

क्या है म्यूचुअल ट्रांसफर

महामंत्री योगेश उपाध्याय के मुताबिक म्यूचुअल ट्रांसफर यानी पारस्परिक स्थानांतरण दो (दो) व्यक्तियों के बीच पोस्टिंग के स्थानों का आदान-प्रदान है।  यह स्थानांतरण एक ही स्थिति के दो कर्मचारियों के बीच जिनका कार्य भी समान हो किया जा सकता है।

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