उत्तर प्रदेशलखनऊ

सीएसआईआर-सीडीआरआई वैज्ञानिक डॉ. राजेश झा अंतरराष्ट्रीय फेलोशिप फार यंग बायोमेडिकल साइंटिस्ट से सम्मानित

  • स्त्री रोग संबंधी एंडोक्राइन और मेटाबोलिक विकारों के जैव वैज्ञानिक अध्ययन किया है डाॅ. राजेश झा ने

लखनऊ। सीएसआईआर-सीडीआरआई के वैज्ञानिक डॉ. राजेश झा को प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय फेलोशिप फॉर यंग बायोमेडिकल साइंटिस्ट 2022-23 से सम्मानित किया गया है। वे बायलर कॉलेज ऑफ मेडिसिन, ह्यूस्टन, टेक्सास, यूएसए में स्त्री रोग संबंधी उन्नत अनुसंधान के लिए एक वर्ष की प्रतिनियुक्त पर जाएंगे।

डॉ. राजेश कुमार झा का शोध समूह एंडोमीट्रोसिस और पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम (पीसीओएस) जैसे स्त्रीरोग संबंधी एंडोक्राइन और मेटाबोलिक विकारों के जैव वैज्ञानिक अध्ययन एवं प्रबंधन पर काम कर रहा है। स्त्री रोग क्लीनिक में आने वाली लगभग 10 प्रतिशत निःसंतान महिलाओं में ये विकार नियमित रूप से देखे जाते हैं। यह गर्भावस्था और गर्भधारण के साथ-साथ महिलाओं के दैनिक जीवन को भी प्रभावित करता है। इसे ध्यान में रखते हुए डॉ. झा का शोध समूह स्त्री रोग संबंधी विकारों के प्रबंधन एवं एक सफल गर्भावस्था हेतु अंडाशय और गर्भाशय में असंतुलित अंतःस्रावी और हार्मोन से जुड़े आणविक संकेतकों का अध्ययन कर रहा है।

इस क्षेत्र में उनके उत्कृष्ट कार्य के लिए उन्हें प्रतिष्ठित आईसीएमआर-डीएचआर, नई दिल्ली इंटरनेशनल फेलोशिप फॉर यंग बायोमेडिकल साइंटिस्ट 2022-23 से सम्मानित किया गया है। इसके अंतर्गत वे एक वर्ष तक बायलर कॉलेज ऑफ मेडिसिन, ह्यूस्टन, टेक्सास, यूएसए में क्रिस्पर-कास सिस्टम जैसे एडवांस जीनोम एडिटिंग (जिसे जीन एडिटिंग भी कहा जाता है) टूल्स के द्वारा ट्रांसजेनिक दृष्टिकोण का उपयोग कर अंडाशय एवं एंडोमेट्रियम के जीन विशिष्ट कार्यों पर उन्नत शोध कार्य (एडवांस रिसर्च) करेंगे।

बायलर कॉलेज ऑफ मेडिसिन में वे सीआरआईएसपीआर-सीएएस-9 प्रणाली का उपयोग कर ओव्यूलेशन एवं गर्भावस्था की घटनाओं के लिए डिम्ब ग्रंथीय (ओवेरियन) एवं अंतःस्रावीय आणविक संकेतन पर एंडोमेट्रियल ऊतक संबंधी विशिष्ट संशोधित जीन प्रतिक्रिया का अध्ययन करेंगे, जो डिम्ब ग्रंथि और गर्भाशय विकारों के प्रभावी प्रबंधन में मददगार साबित होगी।

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