चमक रही चीन की जुगुनू, स्वदेशी लाइटें बोझिल… घटे देशी आइटम, झालरों की रोशनी से रंगीन लखनऊ के बाजार

दीपावली त्योहार के लिए शहर के बाजार अलग-अलग डिजाइनों की रंग-बिरंगी इलेक्ट्रिक झालरें से जगमगाने लगे हैं। दियों से लेकर पटाखे जैसी आवाजें निकालने वाली और हरी पत्तियों में जुगनू की तरह की लाइटें भी टिमटिमा रही हैं, लेकिन चीन से बढ़ी नजदीकियों के कारण बेहतरीन डिजाइनों वाली देशी झालरें पिछले वर्ष की अपेक्षा आधी हो गई हैं। चाहे वह बल्ब हों, दिये हों या फिर तमाम फैंसी लाइट, सभी की बिक्री और आपूर्ति में कमी आई है। पहले 5 एमएम के तार वाली झालरें बाजार में थीं, लेकिन इस बार तार की मोटाई 12 एमएम कर दी गई है। प्लग भी पहले से मजबूत हैं।
इससे 50 से 300 रुपये तक की इन लाइटें कई वर्ष चलने की संभावना है। 350 रुपये तक की टेंपिल लाइट बाजार में है। यह सस्ता आइटम कम लागत में बेहतरीन रोशनी देता है। इस बार आई मल्टी रनिंग असेंबली का जलवा कम नहीं है। राजदीप सिंह बताते हैं कि इसकी कीमत 500 रुपये है। 30 मीटर की है। इसे खूब पसंद किया जा रहा है। नीले और लाल रंग के वाटर एलईडी बल्ब की कीमत 150 रुपये हैं। इसमें एक लड़ी में 20 बडे़ आकार के बल्ब बिल्कुल पानी जैसा लुक देते हैं।
झालर लटकाने के झंझट से बचना चाह रहे तो ”ट्री” हैं ना
आर्यनगर के व्यापारी राजदीप सिंह बताते हैं कि अगर घर रोशन करना है। झालरों को लटकाने के लिए बिजली कर्मी नहीं मिल रहे हैं तो चिंता की कोई बात नहीं। राजदीप बताते हैं कि हरो ”ट्री” है। इसकी दो फीट से लेकर छह फीट तक की ऊंचाई है। इसकी रोशनी तीखी नहीं होगी। मध्यम रोशनी में घर अलग लुक देगा। इसकी कीमत 350 से लेकर 1000 रुपये तक है।
कनेक्ट करिए, रिमोट दबाइए होने लगेंगे पटाखों के धमाके
नाका क्षेत्र के कारोबारी गुरुमीत सिंह बताते हैं कि पटाखा लाइट चर्चा में है। यह रिमोट से चलती है। कनेक्ट करिए और बटन दबा दीजिए निकलने लगेंगी पटाखे की 12 तरीखे की आवाजें। इसकी कीमत बाजार में 1100 से 1200 रुपये है। यही नहीं हरी पत्तियों के बीच टिमटिमाते जुगनू का अहसास कराने वाली लाइट भी लोगों की पसंदीदा है। एक से तीन मीटर की यह लाइट 150 रुपये की है।
मंदिर के लिए एलईडी दिए
एलईडी दिये भी लोगों को खूब भा रहे हैं। इन दियों में तेल या घी का उपयोग नहीं होता है। बस लाइट से कनेक्ट करिए और पूजन स्थल पर यह सारी रात जलते रहेंगे। 14 लाइट वाले दियों की कीमत 50 और 35 लाइट वाला दिया 150 रुपये का है।
दिवाली पर घरों को रौशन करेंगे हस्त निर्मित दीये
सामाजिक संस्था मुक्ति फाउंडेशन की ओर से मिशन उजाला के तहत दीवाली पर हर घर को रौशन करने की तैयारियां चल रही हैं। वोकल फॉर लोकल के संकल्प के साथ क्षेत्रीय कुम्हार प्रेम और परिश्रम से हस्त निर्मित दीये तैयार कर रहे हैं। मिशन शक्ति की वंचित वर्ग की महिलाएं, मिशन ध्रुव के छात्र-छात्राएं भी कुम्हार के साथ मिलकर दिये तैयार करने में सहयोग दे रहे हैं।
मुक्ति फाउंडेशन ने कहा है कि इस दीवाली पर हस्त निर्मित दिये खरीदने से जो छोटा-सा सहयोग होगा वो इन परिवारों के घरों में भी दीवाली की खुशियां लेकर आएगा। इस सहयोग से वंचित समाज के जीवन में उम्मीद और उजाला भर देगा। साथ ही भारतीय परंपराओं एवं मूल्यों की रक्षा होगी। क्षेत्रीय कुम्हारों के लिए रोजगार सृजन होगा।