उत्तर प्रदेशजौनपुर

बच्चों को सोशल मीडिया के फायदे और नुकसान की जानकारी जरूरी: डॉo राकेश प्रजापति

मिहरावां (जौनपुर)। राष्ट्रीय सेवा योजना के तृतीय कार्य दिवस में सहकारी पी0जी0 कॉलेज मिहरावां जौनपुर में बौद्धिक कार्यक्रम में प्रिंट मीडिया के सम्पादक डॉ0 राकेश कुमार प्रजापति ने छात्र छात्राओं को संबोधित करते हुए सोशल मीडिया के फायदे और नुकसान के बारे में विस्तृत चर्चा की। सोशल मीडिया (Social Media) एक ऐसा मीडिया है, जो बाकी सारे मीडिया (प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और समानांतर मीडिया) से अलग है। सोशल मीडिया इंटरनेट के माध्यम से एक वर्चुअल वर्ल्ड बनाता है। जिसे उपयोग करने वाला व्यक्ति सोशल मीडिया के किसी प्लेटफॉर्म (फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम) आदि का उपयोग कर पहुंच बना सकता है।

आज के दौर में सोशल मीडिया जिंदगी का एक अहम हिस्सा बन चुका है। जिसके बहुत सारे फीचर हैं, जैसे कि सूचनाएं प्रदान करना, मनोरंजन करना और शिक्षित करना मुख्य रूप से शामिल हैं। सोशल मीडिया एक अपरंपरागत मीडिया (nontraditional media) है। यह एक वर्चुअल वर्ल्ड बनाता है जिसे इंटरनेट के माध्यम से पहुंच बना सकते हैं। सोशल मीडिया एक विशाल नेटवर्क है, जो कि सारे संसार को जोड़े रखता है। यह संचार का एक बहुत अच्छा माध्यम है। यह द्रुत गति से सूचनाओं के आदान-प्रदान करने, जिसमें हर क्षेत्र की खबरें होती हैं, को समाहित किए होता है। सोशल मीडिया  (Social Media) सकारात्मक भूमिका अदा करता है जिससे किसी भी व्यक्ति, संस्था, समूह और देश आदि को आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक रूप से समृद्ध बनाया जा सकता है।

सोशल मीडिया के जरिए ऐसे कई विकासात्मक कार्य हुए हैं जिनसे कि लोकतंत्र को समृद्ध बनाने का काम हुआ है जिससे किसी भी देश की एकता, अखंडता, पंथनिरपेक्षता, समाजवादी गुणों में अभिवृद्धि हुई है। सोशल मीडिया जहां सकारात्मक भूमिका अदा करता है वहीं कुछ लोग इसका गलत उपयोग भी करते हैं। सोशल मीडिया का गलत तरीके से उपयोग कर ऐसे लोग दुर्भावनाएं फैलाकर लोगों को बांटने की कोशिश करते हैं। सोशल मीडिया के माध्यम से भ्रामक और नकारात्मक जानकारी साझा की जाती है जिससे कि जनमानस पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।

कई बार तो बात इतनी बढ़ जाती है कि सरकार सोशल मीडिया के गलत इस्तेमाल करने पर सख्त हो जाती है और हमने देखा है कि सरकार को जम्मू-कश्मीर जैसे राज्य में सोशल मीडिया पर प्रतिबंध तक लगाना पड़ता है। मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र में हुए किसान आंदोलन में भी सोशल मीडिया पर प्रतिबंध लगा दिया गया ताकि असामाजिक तत्व किसान आंदोलन की आड़ में किसी बड़ी घटना को अंजाम न दे पाएं। जानकारी को किसी भी प्रकार से तोड़-मरोड़कर पेश किया जा सकता है।

किसी भी जानकारी का स्वरूप बदलकर वह उकसावे वाली बनाई जा सकती है जिसका वास्तविकता से कोई लेना-देना नहीं होता। यहां कंटेंट का कोई मालिक न होने से मूल स्रोत का अभाव होना।प्राइवेसी पूर्णत: भंग हो जाती है।फोटो या वीडियो की एडिटिंग करके भ्रम फैला सकते हैं जिनके व्दारा कभी-कभी दंगे जैसी आशंका भी उत्पन्न हो जाती है। सायबर अपराध सोशल मीडिया से जुड़ी सबसे बड़ी समस्या है। राष्ट्रीय सेवा योजना के वरिष्ठ कार्यक्रम अधिकारी डॉ0शिवप्रताप सिंह ने आये हुए अतिथि का आभार व्यक्त किया इस अवसर पर डॉ0 नितेश कुमार यादव डॉ0 तारकेश्वर सिंह उपस्थित रहे।

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