पुण्यतिथि: मुख्यमंत्री योगी बोले- स्वामी हर्याचार्य का सानिध्य लंबे समय तक समाज का मार्गदर्शन करता रहेगा

अयोध्या। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को कहा कि स्वामी हर्याचार्य महाराज का सानिध्य लंबे समय तक समाज का मार्गदर्शन करता रहेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यहां अयोध्या धाम में स्वामी हर्याचार्य महाराज की 17वीं पुण्यतिथि के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा जिसने उपकार किया उसके प्रति आभार प्रकट करना ही सनातन धर्म का सार है।
उन्होंने कहा, “हर सनातनी का यह प्रण होना चाहिए कि अगर हम अपने धार्मिक प्रतीकों का सम्मान कर रहे हैं तो हमें तिरंगे और संविधान जैसे राष्ट्रीय प्रतीकों का भी सम्मान करना होगा। हमारे सैनिकों के प्रति श्रद्धा का भाव ही सच्चे सनातनी की पहचान है।” योगी ने कहा, “गंगा, गौ, राम, कृष्ण, विश्वनाथ, गंगा-यमुना-सरयू हमारे प्रतीक हैं। सनातन धर्मावलंबियों ने जीवन के रहस्यों को गहराई से समझा है।”
मुख्यमंत्री ने स्वामी हर्याचार्य महाराज के प्रति अपनी गहरी श्रद्धांजलि अर्पित की और कहा कि उनका सानिध्य लंबे समय तक समाज को मार्गदर्शन देता रहेगा। योगी आदित्यनाथ ने मॉरिशस के प्रधानमंत्री नवीनचंद्र रामगुलाम के अयोध्या दौरे का जिक्र करते हुए कहा, “उन्होंने (रामगुलाम ने) पूछा कि कितने वर्ष बाद राम मंदिर का निर्माण हो रहा है। मैंने उन्हें बताया कि 500 वर्ष बाद। 500 वर्षों तक संतों और भक्तों ने संघर्ष किया और आज वह सपना साकार हुआ।”
योगी ने अयोध्या आंदोलन में संतों के योगदान को याद करते हुए कहा, “जिन्होंने अपने जीवन, स्वास्थ्य और सुख की परवाह किए बिना सिर्फ एक ध्येय बनाया, ‘रामलला हम आएंगे, मंदिर वहीं बनाएंगे’, उन्हीं संतों की साधना और तप का परिणाम है कि आज अयोध्या में भव्य राम मंदिर बनकर तैयार हुआ है।”
मुख्यमंत्री ने कहा, “पूज्य स्वामी हर्याचार्य जी महाराज का सानिध्य उन्हें कई अवसरों पर मिला। उनमें श्रीराम जन्मभूमि के लिए एक अदम्य जज्बा था और सनातन धर्म की एकता के लिए उनका योगदान अविस्मरणीय है।” उन्होंने कहा कि अयोध्या, काशी, मथुरा या वे सभी धर्मस्थल जिन्हें गुलामी के कालखंड में बर्बर विदेशी आक्रांताओं ने अपवित्र किया था, अब उनकी ससम्मान पुनर्प्रतिष्ठा होनी चाहिए। योगी ने कहा कि अयोध्या, काशी, मथुरा जैसे धर्मस्थलों की पुनर्प्रतिष्ठा सनातन धर्म का संकल्प है।