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कौन हैं अचानक सीएम की रेस जीतने वाले भूपेंद्र पटेल, BJP के इस बड़े दांव के क्या मायने हैं?

गुजरात में विजय रूपाणी के इस्तीफे के बाद मुख्यमंत्री पद को लेकर चल रहा कयासों का दौर खत्म हो गया है. उत्तराखंड की तरह भारतीय जनता पार्टी ने एक बार फिर से गुजरात में भी अपने फैसले से चौंका दिया है. विधायक दल की बैठक में बीजेपी की ओर से भूपेन्द्र पटेल का नाम फाइनल किया गया है. भूपेन्द्र पटेल अब गुजरात के नए मुख्यमंत्री होंगे. गांधीनगर में हुई विधायक दल की बैठक में उनका नाम तय हुआ और पार्टी ने उन्हें नया सीएम बनाए जाने की घोषणा कर दी.

कौन हैं भूपेंद्र पटेल?

भूपेन्द्र पटेल (Bhupendra Patel) गुजरात की घाटलोडिया विधानसभा सीट से वर्तमान में विधायक हैं. वे पाटीदार समाज से आते हैं और जमीन से जुड़े नेता माने जाते हैं. भूपेंद्र पटेल की उम्र 59 साल बताई जाती है. वे अहमदाबाद के शिलाज इलाके के रहने वाले हैं. शिक्षा की बात करें तो मिली जानकारी के अनुसार, उन्होंने सिविल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा किया है.

पहली विधायकी में ही सीएम की कुर्सी!

भूपेंद्र पटेल लंबे समय से राजनीति से जुड़े हुए हैं. वे सामाजिक और राजनीतिक तौर पर अच्छा अनुभव रखते हैं. वर्ष 1999-2000 में वे स्थायी समिति के अध्यक्ष और मेमनगर नगरपालिका के अध्यक्ष रहे थे. 2010-15 के दौरान वे थलतेज वार्ड से पार्षद रहे थे.

2015-17 के दौरान वे AUDA यानी अहमदाबाद शहरी विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष रह चुके हैं. वहीं सामाजिक जिम्मेदारी की बात करें तो वे 2008-10 में एएमसी के स्कूल बोर्ड के उपाध्यक्ष रह चुके हैं.

बीते विधानसभा चुनाव में उन्होंने पहली बार जीत दर्ज की और करीब साढ़े तीन साल के बाद उन्हें प्रदेश का नेतृत्व करने का मौका मिल गया. वे पटेल पाटीदार संगठनों सरदार धाम और विश्व उमिया फाउंडेशन में ट्रस्टी भी हैं. ऐसे में पाटीदार समाज को रिझाने में वे बड़ी भूमिका निभा सकते हैं.

पाटीदार समाज पर फोकस

गुजरात विधानसभा चुनाव में महज 15 महीने शेष रह गए हैं. अगले साल दिसंबर में चुनाव संभावित है. गुजरात बीजेपी का गढ़ रहा है और बीजेपी के लिए अपना गढ़ बचाए रखना चुनौती है. पिछले चुनाव में पाटीदार आंदोलन और कांग्रेस से कड़ी टक्कर मिली थी. इस बार चुनौती ज्यादा न हो, इसलिए किसी पटेल नेता को लाना जरूरी था. इसे देखते हुए भूपेंद्र पटेल को लाया गया है ताकि पाटीदार समाज में बीजेपी की आवाज पहुंच सके.

सरकार बनाने में पाटीदार समाज की भूमिका

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुजरात में सबसे लंबे समय(4610 दिन) तक मुख्यमंत्री रहे थे. उसके बाद वे केंद्र की राजनीति में आ गए और अपने विकल्प के तौर पर आनंदीबेन पटेल को पहली महिला मुख्यमंत्री बनाया. आनंदीबेन को हटाकर विजय रूपाणी को सीएम बनाया गया था.

बहरहाल गुजरात में सरकार बनाने में पाटीदार समाज की बड़ी भूमिका रही है. पाटीदार आंदोलन से उभरे नेता हार्दिक पटेल कांग्रेस में शामिल हो गए और प्रदेश में बीजेपी को नुकसान पहुंचाया. बीबीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार, प्रदेश की कुल आबादी में करीब 14 फीसदी पाटीदार हैं, वहीं वोटर्स में उनकी संख्या करीब 21 फीसदी है. प्रदेश में इस समाज से अच्छे-खासे विधायक हैं.

भूपेंद्र पटेल को नया सीएम बनाए जाने की रणनीति को राजनीतिक विशेषज्ञ बीजेपी के बड़े कदम के तौर पर देख रहे हैं. उनके मुताबिक पाटीदारों को रिझाने के लिए ऐसा करना जरूरी था.

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