उत्तर प्रदेशलखनऊ

युद्ध स्तर पर चल रहा कृषक फीडर अलग करने का कार्य : एके शर्मा

  • ऊर्जा मंत्री ने कहा, पहले इटावा के एक गांव में बिजली आने पर मान लिया जाता था पूरे प्रदेश में आ रही बिजली

लखनऊ। सपा के शासन में इटावा जिले के एक गॉव में बिजली आने पर मान लिया जाता था कि पूरे प्रदेश में बिजली आ गयी है लेकिन अब पूरे प्रदेश को एक आइने से देखा जाता है। यही कारण है कि योगी सरकार ने जरूरत पड़ने पर इस वर्ष अभी तक का सबसे अधिक 25,436 मेगावाट बिजली सप्लाई की है। ये बातें प्रदेश के ऊर्जा एवं शहरी विकास मंत्री एके शर्मा ने कही।

उन्होंने कहा कि योगी सरकार के पहले की सरकार ने अगर बिजली क्षेत्र में काम किया होता तो आज स्थिति बेहतर होती। योगी सरकार पिछले पांच वर्षों में ऐतिहासिक कार्य किया है, जो अभी भी चल रहा है और जिन्हें और आगे बढ़ाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कृषक फीडर अलग करने का कार्य युद्ध स्तर पर किया जा रहा है। वहीं समान्य खुले जर्जर तारों की जगह एबी केबल वाले तार लगाये जा रहे हैं। योगी सरकार में 1.21 लाख नये मंजरों का विद्युतीकरण किया गया।

1.43 करोड़ नये विद्युत कनेक्शन

योगी सरकार की उपलब्धियों को गिनाते हुए ऊर्जा मंत्री ने कहा कि योगी सरकार में 1.43 करोड़ नये विद्युत कनेक्शन दिये गये। 705 नये विद्युत उपकेन्द्र बनाये गये और 1413 विद्युत उपकेन्द्रों की क्षमता बढ़ायी गयी । पहले ट्रान्सफार्मर बदलना महीनों का काम होता था, लेकिन अब शहरी क्षेत्रों में 24 घंटे और ग्रामीण क्षेत्रों में 48 घंटे में ट्रान्सफार्मर बदले जाते है ।

नई लाइनें डालने की गति हुई दोगुनी

बिजली की नयी लाइनें डालने की गति पिछली सरकार की अपेक्षा दोगुनी से ज्यादा हो गयी है। सपा के शासन काल में 1503 सीकेटी किमी प्रतिवर्ष की जगह वर्तमान में 3538 सीकेटी किमी की गति से लाइनें बिछायी जा रही है।उन्होंने सपा पर और तंज कसते हुए कहा कि आपके संरक्षण में बिजली की चोरी होती थी। इसलिए लाइन लॉस 40 प्रतिशत थी, जिसे हम कम करने की कोशिश कर रहें है।

योगी के काल में 1980 मेगावाट की नयी उत्पादन क्षमता जोड़ी गयी

विपक्ष के एक और मुद्दे का भी जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि योगी सरकार के शासन काल में 2017 से 2022 तक में 1980 मेगावाट की नयी उत्पादन क्षमता जोड़ी गयी है। वर्तमान में योगी जी के नेतृत्व में 5280 मेगावाट की तापीय विद्युत उत्पादन की परियोजनायें विभिन्न स्तरों पर आगे बढ़ रही है, जो आने वाले कुछ महीनों में कार्यान्वित हो जायेगीं। इसके साथ ही उत्तर प्रदेश की तापीय विद्युत ऊर्जा की क्षमता पहले की अपेक्षा दोगुनी हो जायेगी।

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