उत्तर प्रदेशबाँदा

बांदा में नाले में गिरकर BJP बूथ अध्यक्ष की मौत, जीत के जश्न के दौरान हुआ हादसा

उत्तर प्रदेश के बांदा जिले में मतगणना के बाद बीजेपी की जीत की खुशी मनाते समय जिस युवक के नाले में गिरकर मौत हो गई थी. वहीं, परिजनों ने बताया कि वह बीजेपी पार्टी का का बूथ अध्यक्ष था. हालांकि,परिवार वालों का कहना है कि रेलवे की प्राथमिकी परीक्षा पास कर ली थी, वहीं, भयावह घटना से परिजनों का रो रो कर बुरा हाल हो गया है. जहां पर बीजेपी के नवनिर्वाचित सदर विधायक व अन्य भाजपाइयों ने मृतक के परिजनों को ढाढंस बनाया है.

दरअसल, ये मामला बांदा जिले में शहर कोतवाली क्षेत्र के मोहल्ला गायत्री नगर इलाके का है. जहां के रहने वाले वृंदावन दूध व मट्ठे का व्यवसाय करने के साथ ही बीजेपी के बूथ नंबर 86 का अध्यक्ष था. वहीं, बीते गुरुवार को बीजेपी की जिले में 3 सीटों में जीत होने पर वह खुशी मना रहा था. इस दौरान दुकान में बने नाले में गिरकर वह घायल हो गया था.वहीं, परिजन उसे जिला अस्पताल ले गए. जहां पर बांदा में रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज के ट्रामा सेंटर में पहुंचा. जहां ड़ॉक्टरों की लापरवाही के चलते थोड़ी देर में ही बूथ अध्यक्ष की मौत हो गई.

नव निर्वाचित MLA ने पीडि़त परिवार को हर संभव मदद का दिया आश्वासन

वहीं, बड़े भाई संजय गुप्त ने बताया कि वह दो भाइयों में छोटा होने के साथ होनहार भी था . हालांकि,उसकी अभी शादी नहीं हुई थी. ऐसे में वह रेलवे की एनटीपीसी नॉन टेक्निकल प्रॉपर कैटेगरी की प्रथम परीक्षा पास कर चुका था. इस घटना से परिजन बेहाल औऱ परेशान हो गए है. जहां पर बीजेपी सदर विधायक प्रकाश दुबे दी ने पीड़ित परिवार से कहा कि आपको हर प्रकार की मदद दी जाएगी. उन्होंने कहा कि आर्थिक रूप से सरकार की योजनाएं जो भी आपको मिल सकती हैं वह आप तक पहुंचाई जाएंगे. ऐसे में 24 घंटे विधायक का दरवाजा खुला है आप रात के 2:00 बजे भी खुरहंड मेरे आवास पर आ सकते हैं टेलीफोन मुझे कर सकते हैं मैं आपकी हर संभव मदद करने की कोशिश करूंगा.

परिजनों पर टूटा दुखों का पहाड़

बता दें कि आज उत्तर प्रदेश में बीजेपी की सरकार बन गई है, जहां पर चारों ओर जश्न का माहौल है, लेकिन आज परिवार के बेटे का अचानक चला जाना. वो किसी के गले से नहीं उतर रही है सब लोग बहुत परेशान हैं. वहीं, पीड़ित परिवार के घर पर मातम छाया हुआ है. स्थानीय लोगों का कहना है कि परिवार के यहां दुखों का पहाड़ टूट गया है.इस दौरान परिजनों की आंख से आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं. ऐसे में वे अपने दिल की पीड़ा किस्से बताएं जवान बेटा खत्म हो गया होनहार था. रेलवे में उसका अपॉइंटमेंट पहले परीक्षा में हो गया था लेकिन कहते नहीं हैं . हालांकि परिवार के अन्य सदस्यों ने बताया कि भाग्य का विधाता तो ऊपर वाला है उसने जो लिखा है इतने समय जिस दिन मौत फिक्स की है वह तो मौत आनी ही है उसको कोई रोक नहीं सकता.

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