उत्तर प्रदेशकानपुर

कानपुर में आयकर की छापेमारी में बड़ी सफलता, 450 करोड़ का लेनदेन पकड़ा

कानपुर: घनाराम समूह और उनके सहयोगियों पर आयकर छापे की कार्यवाही सोमवार को पूरी हो गई। 32 ठिकानों पर छह दिन चली जांच में 250 करोड़ की फर्जी बिलिंग के प्रमाण मिले हैं। करीब 200 करोड़ के कैश लेनदेन का खुलासा हुआ है। कुल 75 करोड़ रुपए से ज्यादा की टैक्स चोरी पकड़ी गई है। समूह के चार्टर्ड एकाउंटेंट दिनेश सेठी के आवास से इलेक्ट्रानिक तिजोरी को सीज किया गया है। साथ ही चार डायरी भी बरामद की गई हैं, जिनमें 50 लोगों के नाम दर्ज हैं, जिनसे कैश लेनदेन किया गया। छापे में सभी ठिकानों से लगभग साढ़े पंद्रह करोड़ रुपए के गहने और कैश को जब्त किया गया है।

पिछले हफ्ते बुधवार को आयकर विभाग के 150 से ज्यादा अफसरों ने भारी सुरक्षा बलों के साथ झांसी के बड़े रीयल इस्टेट समूह घनाराम व उनके सहयोगियों बिल्डर संजय अरोड़ा, शिवा सोनी, विजय सरावगी, मयंक गर्ग और वीरेंद्र राय के 32 ठिकानों पर एक साथ छापे मारे थे। घनाराम समूह के निदेशक बिशुन सिंह, उनके भाई श्याम‌ सुंदर सिंह हैं। श्याम सुंदर सपा के पूर्व एमएलसी हैं।

उनके अलावा कानपुर में कल्याणपुर स्थित नवशील धाम में राकेश यादव पर भी छापा मारा गया था। उनके परिसरों से दस संपत्तियों के दस्तावेजों और 24 से ज्यादा डील के कागजात सील किए गए हैं। संपत्तियों के कागजात जांच के लिए आयकर विभाग की बेनामी विंग में भेजे गए हैं। लगातार छह दिन तक चली पड़ताल में कुल 450 करोड़ के फर्जी और कैश लेनदेन के सबूत पाए गए हैं। इसमें 250 करोड़ का हिस्सा फर्जी बिलिंग का है। छह साल पहले वर्ष 2016 से इस तरह की बिलिंग की जा रही थी। इस बिलिंग को लेकर संबंधित समूह किसी तरह के स्पष्टीकरण नहीं दे सका। सूत्रों के मुताबिक जमीनों, फ्लैटों की बिक्री और खरीद में बड़े पैमाने पर कैश लेन-देन किया गया।

ये कैश रीयल इस्टेट से बाहर आने के बाद कहां गया, इसके स्रोत के संतोषजनक जवाब विभाग को नहीं मिले हैं। जांच में पाया गया कि उधारी दिखाकर कैश का खेल किया जा रहा था। अलग-अलग लोगों को करोड़ों की उधारी कागजों में दिखाई गई। फिर वापस उनसे भुगतान दिखाया गया जबकि हकीकत में ऐसा कुछ नहीं था। कंपनी की कमाई और खर्चों का रूट डायवर्ट कर टैक्स चोरी की जा रही थी। ये भी पता चला कि सरकारी ठेकों से होने वाली कमाई रीयल इस्टेट में खपाई गई और स्काई टॉवर जैसे बड़े प्रोजेट शुरू किए गए। स्काई टावर में कई सफेदपोश लोगों और नेताओं के निवेश के भी कुछ कागज मिले हैं।

सीए के घर मिली इलेक्ट्रानिक तिजोरी

समूह के सीए दिनेश सेठी के खिलाफ आयकर विभाग ने सख्त कार्यवाही की है। पहली बार किसी सीए के प्रतिष्ठान का ताला तोड़ा गया। उनके प्रतिष्ठान से इलेक्ट्रानिक तिजोरी मिली है, जिसे डिकोड करने के लिए सीज कर लिया गया है। वहां से मिली चार डायरी में 50 से ज्यादा लोगों के नाम और कैश लेनदेन का जिक्र है। डायरी में लिखे लोगों के नाम की जांच-पड़ताल शुरू कर दी गई है। डायरी में सबसे ज्यादा नाम झांसी के लोगों के हैं, जिसमें कारोबारियों के अलावा क्रशर मालिक, डॉक्टर, शिक्षाविद और राजनीतिक दलों से संबंधित लोग हैं। जांच में ये भी पाया गया कि घनाराम समूह से जुड़े जिन बिल्डरों के यहां छापे मारे गए, वे सभी आपस में जुड़े हैं। तमाम कारोबारी एक दूसरे की फर्मों में पार्टनर भी हैं।

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