उत्तर प्रदेशलखनऊ

उप्र में मनरेगा श्रमिकों के लिए 557.24 लाख मानव दिवस किए जा चुके सृजित

  • प्रदेश में 13,716 अमृत सरोवरों से मिलेगी तालाबों को नई जिंदगी
  • 1.28 करोड़ क्रियाशील श्रमिकों की आधार सीडिंग हुई पूरी

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत साल 2022-23 के तहत लक्ष्यों को निर्धारित किया गया है। इसके तहत यूपी में ग्रामीण विकास मंत्रालय की ओर से वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए रोजगार सृजन के लिए वार्षिक भौतिक लक्ष्य 2600 लाख मानव दिवस अनुमोदित किया गया है, जिसके सापेक्ष में रविवार तक 557.24 लाख मानव दिवस सृजित किए जा चुके हैं। प्रदेश के प्रत्येक ग्राम पंचायत में अमृत सरोवर बनाने का लक्ष्य रखा गया है। इसके तहत अब तक 13,716 तालाबों का चयन किया जा चुका है। 5,531 अमृत सरोवरों का प्राक्कलन बनाते हुए 2,951 पर काम शुरू कर दिया गया है।

राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने रविवार को बताया कि मनरेगा के तहत प्रदेश के श्रमिकों को समय से भुगतान किया जा रहा है। वित्तीय वर्ष 2021-22 में 88 प्रतिशत मजदूरी का भुगतान समय से किया जा चुका है। इस साल आजीविका संवर्धन के लिए कुल 5 लाख परिवारों को व्यक्तिगत लाभार्थीपरक परिसंपत्तियों से आच्छादित करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके साथ ही 20 लाख परिवारों को पूर्ण 100 दिवस का रोजगार देने का लक्ष्य रखा गया है। प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए श्रमिकों की आधार सीडिंग कराई जा रही है। अब तक कुल क्रियाशील 1.65 करोड़ श्रमिकों के सापेक्ष में 1.28 करोड़ क्रियाशील श्रमिकों की आधार सीडिंग पूरी की जा चुकी है।

महिला मेटों की हो रही नियुक्ति

प्रवक्ता ने बताया कि महिला सशक्तीकरण एवं मनरेगा योजना के तहत महिलाओं की सहभागिता बढ़ाने के लिए महिला मेटों की नियुक्ति जा रही है। आजीविका मिशन के अन्तर्गत निर्मित स्वयं सहायता समूह की महिलाओं का चयन किया गया है। इसके तहत प्रदेश की 35,000 से अधिक महिला मेटों को रोजगार देने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

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