उत्तर प्रदेशलखनऊ

योगी सरकार के 4 साल में महिलाओं के प्रति कितने अपराध हुए कम, NCRB के आंकड़ों में हुआ खुलासा !

यूपी एक ऐसा राज्य है जहां आए दिन कई बड़ी अपराधिक घटनाएं होती हैं। रोजाना पुलिस और बदमाशों के बीच मुठभेड़ होती है। लेकिन यूपी में योगी सरकार के आने के बाद अपराध में कितनी कमी आई है इसका खुलासा एनसीआरबी के आंकड़ों में हुआ है।

एनसीआरबी के आंकड़े

NCRB यानी नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो, जोकि पूरे देश भर के हर राज्य में अपराधों पर पूरा लेखा-जोखा तैयार करता है। उसके मुताबिक साल 2020 तक उत्तर प्रदेश की स्थिति अपराध के मामले में बहुत बेहतर नहीं हुई है। अगर हम साल 2017 जब यूपी में समाजवादी पार्टी सरकार जाने के बाद बीजेपी की सरकार आई थी उन दोनों सरकारों के बीच के अपराध के ग्राफ की बात करें तो साल 2017 तक प्रदेश में अपराध की जो स्थिति थी उसमें कई मायनों में सुधार हुआ है तो कई लिहाज से स्थिति और बदतर भी हुई है।

कुछ मामलों में अपराध घटे तो कुछ में बढ़े

साल 2020 के एनसीआरबी के डाटा के मुताबिक उत्तर प्रदेश में हर 2 घंटे में एक रेप का मामला रिपोर्ट किया जाता है। जबकि बच्चों के खिलाफ रेप का मामला हर 90 मिनट में रिपोर्ट हुआ है। एनसीआरबी के मुताबिक साल 2018 में उत्तर प्रदेश में रेप पर कुल 4322 मामले दर्ज हुए थे। इसका सीधा मतलब है कि हर रोज करीब 12 रेप के मामले हो रहे थे।

महिलाओं पर हो रहे अत्याचार !

महिलाओं के खिलाफ 2018 में 59445 मामले दर्ज किए गए। यानि हर रोज महिलाओं के खिलाफ हो रहे अपराध के मामले 162 रिपोर्ट किए गए। जो कि साल 2017 के मुकाबले 7 परसेंट ज्यादा है। साल 2017 में महिलाओं के खिलाफ अपराध के कुल 56011 मामले दर्ज किए गए थे। यानी उस वक्त यह आंकड़ा हर दिन के हिसाब से 153 केस था। साल 2018 में नाबालिग बच्चियों के साथ रेप के कुल 144 मामले दर्ज किए गए। जबकि साल 2017 में यह आंकड़ा 139 था।

साल 2017 में आई थी बीजेपी सरकार

साल 2017 अप्रैल में बीजेपी की सरकार आने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बहुत से ऐसे कार्यक्रम शुरू किए जिससे कि महिलाओं के खिलाफ अपराध के आंकड़े कम हो सकें। एंटी रोमियो स्क्वॉड, मिशन शक्ति जैसे कार्यक्रम इसीलिये शुरू किए गए।

एनसीआरबी के आंकड़ो को नहीं मानती यूपी सरकार

यूपी सरकार एनसीआरबी के इन आंकड़ों को नकारती है। सरकार के मुताबिक यूपी में अपराध पर नियंत्रण हुआ है और अगर आंकड़ों की बात की जाए तो ये प्रदेश की जनसंख्या के लिहाज से पूरे देश की तुलना में कम है। यूपी सरकार हाल के दिनों में अपराध पर नियंत्रण के लिए ताबड़तोड़ एनकाउंटर और रासुका जैसे कड़े कानून का इस्तेमाल अपराधियों पर लगाम लगाने के लिए कर रही है। सरकार अपनी इसी कोशिश के हवाले से प्रदेश में अपराध पर नियंत्रण का दावा भी कर रही है।

सरकार ने बताए अपने खुद के आंकड़े

यूपी सरकार का कहना है कि वह राज्य में एक सुरक्षित वातावरण स्थापित करने के लिए प्रतिबद्ध है। सरकार की माने तो 4 सालों में अपराध काफी कम हुए हैं। अपराधों और अपराधियों के खिलाफ ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति अपराध पर अंकुश लगाने में कारगर साबित हुई है।

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