पेड़ के नीचे ड्रिप लगाकर हो रहा इलाज, सरकारी हेल्थ सेंटर में डॉक्टर्स ही नहीं
फिरोजाबाद। फिरोजाबाद में बुखार से पीड़ित मरीजों में लगातार इजाफा हो रहा है, सबसे खराब हालत ग्रामीण इलाकों की है। यहां मौजूद प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र या तो बंद पड़े हैं या उनमें डॉक्टर नहीं आ रहे हैं। मजबूरन लोगों को ज्यादा पैसे खर्च कर प्राइवेट अस्पताल में अपना इलाज करवाना पड़ रहा है। जो लोग सक्षम नहीं हैं वो झोलाछाप डॉक्टर के पास इलाज कराने को मजबूर हैं। ऐसे हालात तब हैं जब सरकारों का दावा है कि कोरोना की तीसरी लहर के खतरे को देखते हुए उन्होंने स्वास्थ्य से जुड़ीं तैयारियां चाक चौबंद कर ली हैं। फिरोजाबाद के हालात सरकार के दावों को झुठला रहे हैं।
फिरोजाबाद के शिकोहाबाद ब्लॉक में आने वाले धौरऊ हिम्मतपुर गांव की जमीनी हालत को जाना। हमें पता चला कि इस गांव के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर डॉक्टर ही नहीं आते हैं। अगर वे आते भी हैं तो घंटा-2 घंटा बैठ कर चले जाते हैं। इस गांव में एक पुराना सरकारी अस्पताल भी है, लेकिन पिछले 20 साल से वह अभी तक शुरू नहीं हो सका है। मौजूदा वक्त में उस सरकारी बिल्डिंग में गंदगी का अंबार है। वहां आवारा पशुओं ने अपना आशियाना बना लिया है और गांव के लोगों ने बिल्डिंग के कमरों में जानवरों को चारा देने वाला भूसा भर दिया है।
झोलाछाप डॉक्टरों के पास इलाज कराने के लिए मजबूर लोग
डॉक्टरों के ना आने की वजह से इस गांव के लोग बुखार का इलाज कराने के लिए परेशान हैं। ग्रामीणों ने बताया कि इस गांव में और इसके बराबर वाले गांव में वायरल बुखार से 100 से ज्यादा लोग पीड़ित हैं। लेकिन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर डॉक्टरों के ना आने की वजह से लोग गांव में मौजूद झोलाछाप डॉक्टरों के पास अपना इलाज कराने के लिए मजबूर हैं। स्थिति इतनी खराब है कि गांव में मौजूद झोलाछाप डॉक्टर मरीजों को पीपल के पेड़ पर बोतल लगाकर ड्रिप चढ़ा रहे हैं। तस्वीर में देखिए इसकी बानगी।
बुखार से पीड़ित मरीज संतोष यादव ने बताया, “गांव में डॉक्टर आते ही नहीं हैं। कुछ दिन पहले साफ-सफाई हुई थी तभी आए थे। इस गांव में और इसके बराबर वाले गांव में 100 से अधिक लोग बीमार हैं। हमें कोई सरकारी इलाज नहीं मिल रहा है। हम लोगों की मजबूरी है कि हम प्राइवेट डॉक्टरों के पास इलाज करा रहे हैं।”
एक झोलाछाप डॉक्टर ने बताया, “ये गरीब लोग हैं. ये सरकारी अस्पताल नहीं पहुंच पाएंगे तो हम आ जाएंगे। हम इनकी सेवा कर रहे हैं, थोड़ा बहुत इनसे पैसा भी ले लेते हैं।” फिरोजाबाद के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर दिनेश कुमार प्रेमी ने बताया कि गांव में टीम भेजी जाएगी और लोगों को प्रॉपर इलाज दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।
पिछले 24 घंटों के आंकड़ों के मुताबिक, फिरोजाबाद के मेडिकल कॉलेजमें इस समय 421 मरीज भर्ती हैं। सोमवार सुबह 8 बजे तक के आंकड़ों के मुताबिक, 168 नए मरीज भर्ती हुए हैं जबकि 142 मरीज ठीक होकर डिस्चार्ज हो गए हैं। वहीं, जिले में अब तक 60 मौतें हो चुकी हैं।