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राजधानी में 21 नवंबर तक निर्माण कार्य पर रोक, कमर्शियल वाहनों की दिल्ली में ‘नो एंट्री’

दिल्ली NCR में बढ़ते प्रदूषण को लेकर एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई, सुनवाई के बाद दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आपात बैठक में लिए गए निर्णयों के बारे में बताया. गोपाल राय ने कहा कि दिल्ली के अंदर बढ़े हुए प्रदूषण को रोकने के लिए बुलाई गई अहम बैठक के बाद दिल्ली सरकार ने कुछ अहम आपात निर्णय लिए थे, जिसमें 17 नवंबर तक निर्माण कार्य पर रोक, सरकारी कर्मचारियों का वर्क फ्रोम होम, शैक्षणिक संस्थानों को बंद करने जैसा अहम कदम थे. इसे आगे बढ़ाते हुए बुधवार को फिर से बैठक की गई‌ और‌ तय किया गया कि 21 नवंबर तक दिल्ली में निर्माण और डिमोलेशन कार्य पर रोक रहेगी, वर्क फ्रोम होम और शिक्षण संस्थान को भी अगले आदेश तक बंद रखा जाएगा. साथ ही ऐसे उद्योग जोकि गैस के अलावा अन्य प्रदूषणकारी ईंधन से चलते हैं, उनपर भी 21 नवंबर तक प्रतिबंध रहेगा.

जरूरी सेवा के अलावा कमर्शियल वाहनों की दिल्ली में नो एंट्री

पर्यावरण मंत्री ने बताया कि दिल्ली में बाहर से आने वाले जरूरी सेवाओं से जुड़े कमर्शियल वाहनों को छोड़कर बाकी सभी कमर्शियल वाहनों पर रोक लगा दी गई है. साथ ही दिल्ली सरकार सार्वजनिक परिवहन को बढ़ाने के लिए एक हजार सीएनजी बसों को किराए पर लेने जा रही है. गुरुवार से प्रक्रिया शुरू हो जाएगी.

दिल्ली में प्रदूषण के तीन बड़े कारण- गोपाल राय

गोपाल राय ने कहा कि दिल्ली में प्रदूषण को हम दो हिस्सों में बांटते हैं, एक दिल्ली का और दूसरा दूसरे राज्यों का. हम दिल्ली के प्रदूषण को कम करने के लिए एंटी डस्ट कैंपेन, रेडलाइट ऑन गाड़ी ऑफ जैसे कार्यक्रम चलाते हैं. उन्होंने कहा कि कुल मिलाकर दिन में प्रदूषण के तीन बड़े कारण हैं.

1- दिल्ली का अपना वाहनों, निर्माण कार्य और उद्योगों से आने वाला प्रदूषण

2- NCR क्षेत्र से आने वाला प्रदूषण

3- पराली जलाने से आने वाला प्रदूषण

मेट्रो और DTC में स्टेंडिंग पैसेंजर को भी अनुमति देने के लिखा पत्र

गोपाल राय ने कहा कि सार्वजनिक परिवहन के तौर पर DTC की बसों और मेट्रो में बड़ी तादाद उन पैसेंजर्स की होती है जो खड़े होकर सफर करते हैं, इसलिए दिल्ली सरकार ने DDMA को पत्र लिखकर स्टेंडिंग पैसेंजर ( खड़े होकर सफर करने वाले) को भी सफर करने की अनुमति देने का आग्रह किया है. हालांकि पहले से ही DTC और दिल्ली मेट्रो 100 फीसदी सिटिंग कैपेसिटी से चल रही है.

10 साल पुराने डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल के वाहनों पर सख्ती

दिल्ली सरकार ने दिल्ली की सड़कों पर चलने वाली 10 साल पुरानी डीजल और 15 साल पुरानी पेट्रोल की गाड़ियों को चलाने वालों पर सख्ती करने का मन बना लिया है. इसके लिए दिल्ली के परिवहन विभाग ने ऐसे वाहनों से जुड़ी जानकारी दिल्ली पुलिस के साथ साझा करने की बात की है. साथ ही पेट्रोल पंप पर गाड़ियों के प्रदूषण फिटनेस सर्टिफिकेट की भी जांच की जा रही है, ताकि उलंघन करने वाले वाहनों का चालान किया जा सके.

एक RTI से हुए खुलासे कि पिछले 7 सालों में पर्यावरण टैक्स के तौर पर दिल्ली वालों ने साढ़े 1400 करोड़ का भुगतान किया है. फिर भी दिल्ली वालों को प्रदूषित हवा ही मिल रही है. इस सवाल पर गोपाल राय ने कहा कि दिल्ली सरकार ने जो टैक्स वसूला उसका इस्तेमाल ई रिशा और इलेक्ट्रिक वाहनों के प्रोत्साहन के लिए सब्सिडी देने में किया गया.

वहीं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने जनवरी में ट्वीट कर दिल्ली वासियों को सितंबर में न‌ई बसों के मिलने के लिए बधाई दी थी, लेकिन फिर भी आज दिल्ली सरकार को बसें किराए पर लेने की नौबत आ गई है. इसपर गोपाल राय ने कहा कि दिल्ली में न‌ई बसें क्रम वार आ रही हैं, फिलहाल आपात स्थिति को देखते हुए, CNG बसों को किराए पर लेने का फैसला लिया गया है.

भाजपा के फंड के प्रचार के लिए दुरपयोग पर किया पलटवार

गोपाल राय ने भाजपा के 40 हजार के काम के लिए 16 करोड़ के विज्ञापन खर्च के आरोप पर पलटवार करते हुए कहा कि भाजपा की दिक्कत प्रदूषण नहीं, आम आदमी पार्टी का प्रसार है. योगी आदित्यनाथ यूपी के मुख्यमंत्री हैं, लेकिन उनके होर्डिंग दिल्ली में लगे हुए हैं, लेकिन वो भाजपा को नहीं दिखता.

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