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सरकार ने किया साफ- कम नहीं होगा कोविशील्ड के डोज का अंतर, नियम अलग-अलग नहीं हो सकते

सरकार ने साफ कर दिया है कि भारत कोविशील्ड की दो खुराक के बीच के अंतर को कम करने के किसी भी फैसले पर विचार नहीं कर रहा है. इस बात की जानकारी एक शीर्ष सरकारी विशेषज्ञ ने दी है. दरअसल, कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में यह बात कही जा रही थी कि भारत में जल्द ही लोगों के लिए कोर्ट के आदेशानुसार कोविशील्ड के पहले और दूसरे डोज के बीच के समय को कम किया जा सकता है. यानी लोग कम समय में कोविशिल्ड के दोनों डोज ले सकेंगे, लेकिन सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि ऐसा कुछ भी विचार नहीं किया गया है.

कोविशील्ड के दूसरे डोज के लिए 12-सप्ताह का वेटिंग टाइम अनिवार्य है. सरकार ने दोनों डोज के बीच 12 सप्ताह का गैप वैज्ञानिक अध्ययनों के आधार पर रखा है, जो कि ज्यादा प्रभावकारी है. हालांकि, इसके बाद के वैज्ञानिक प्रमाणों से भी पता चला कि कोरोना वायरस के डेल्टा संस्करण के खिलाफ लड़ाई में वैक्सीन की दो खुराक अधिक आवश्यक थीं. भारत में कोरोना की दूसरी लहर के दौरान डेल्टा वेरिएंट हावी था.

अलग-अलग श्रेणी के लोगों के लिए अलग-अलग नियम नहीं

टीकाकरण पर राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह (NTAGI) के अध्यक्ष, डॉ. एनके अरोड़ा ने कहा, ‘केंद्र सरकार की तरफ से प्राइवेट वैक्सीनेशन सेंटर्स में कोविशील्ड के दोनों डोज के बीच समय के अंतर को कम करने की बात सही नहीं है. अलग-अलग श्रेणी के लोगों के लिए अलग-अलग नियम नहीं हो सकते हैं. यह भेदभावपूर्ण होगा और विज्ञान इस तरह काम नहीं करता है. अध्ययन के लिए यात्रा करने वाले छात्रों और अंतरराष्ट्रीय यात्रा करने वाले लोगों के लिए दिशानिर्देशों को संशोधित करना जरूरी था.’

उन्होंने कहा, ‘वैज्ञानिक रूप से हम इस समय अपने निर्णय पर एकदम अडिग हैं. निश्चित रूप से, यह एक गतिशील और लगातार परिवर्तन वाली स्थिति है. ऐसे में अगर भविष्य में दोनों टीकों के अंतर को कम करने से मिलने वाले फायदे से जुड़ा डेटा मिलता है, तो हमारे विशेषज्ञ जरूर इस पर गौर करेंगे. जो भी फैसला होगा पूर्ण रूप से विज्ञान पर आधारित होगा.’

दोनों डोज के बीच 12 सप्ताह का गैप

समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने एक अज्ञात सूत्र के हवाले से कहा था कि प्राइवेट अस्पतालों और क्लीनिकों में खुराक लेने वालों के लिए अंतर कम किया जाएगा, जिसके लिए उन्हें भुगतान करना होगा. रॉयटर्स ने अपने रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा, ‘चूंकि उच्च न्यायालय ने फैसला दिया है, इसलिए इसे करना ही होगा.’ हालांकि, सरकार के टीकाकरण कार्यक्रम के लिए, दोनों डोज के बीच आदर्श गैप 12 सप्ताह का रहेगा.

बता दें कि मई में, विशेषज्ञ समिति ने कोविशील्ड के वैक्सीनेशन के लिए दोनों डोज के बीच के गैप को 6-8 सप्ताह से बढ़ाकर 12-16 सप्ताह करने की सिफारिश की थी. जिसके बाद कम से कम 12 सप्ताह का गैप निर्धारित किया गया. पहले यह गैप 4-6 हफ्ते का था. हालांकि, भारत में लगने वाले कोवैक्सीन टीके के लिए दोनों डोज के बीच का गैप 4-6 सप्ताह का बना हुआ है.

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