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UP: जुलाई में पूरा होता नजर नहीं आ रहा है कोरोना वैक्सीनेशन का लक्ष्य, जानें- क्यों परेशान हैं लोग

उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण की रफ्तार पर ब्रेक लग गई है. एक तरफ सरकार कोविड वैक्सीनेशन को बढ़ावा देने की बात कह रही है. साथ ही इसे लेकर जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है. वहीं, दूसरी तरफ स्वास्थ्य विभाग की अव्यवस्था वैक्सीनंशन की राह में बाधा बन रही है. वैक्सीनंशन में सबसे अधिक समस्या का सामना 18 से 44 साल के लोगों को करना पड़ रहा है.
लोगों को नहीं मिल पा रही है जानकारी
वैक्सीनेशन की पहली डोज के लिए कोविन पोर्टल पर पहले से रजिस्ट्रेशन करना अनिवार्य है. असल में जब वैक्सीनेशन शुरू हुआ तो कोविन पोर्टल पर स्लॉट बुकिंग के लिए दिन और समय निर्धारित था. जैसे लोगों को पता होता था कि कोविन पोर्टल रविवार को सुबह 10 बजे खुलेगा उसके बाद सोमवार से शनिवार तक के स्लॉट बुक हो जाते थे. लेकिन अब ऐसा नहीं है. सभी जिले अपने हिसाब से वैक्सीन की उपलब्धता देखते हुए पोर्टल खोलते हैं. अगर किसी को 4 दिन बाद का स्लॉट लेना है तो उसे नहीं पता होता कि इसके लिए किस दिन और कितने बजे पोर्टल खुलेगा. यानी अगर वैक्सीनेशन कराना है तो दिन भर पोर्टल चेक करते रहिए जब तक खुल ना जाए.
पूरा होता नजर नहीं आ रहा है वैक्सीनेशन का लक्ष्य
वहीं, जुलाई में सरकार ने वैक्सीनेशन का जो लक्ष्य तय किया था उसका आधा ही पूरा होता नजर आ रहा है. असल में सरकार ने जुलाई में प्रतिदिन 10 से 12 लाख वैक्सीनेशन के हिसाब से महीने में 3 करोड़ वैक्सीनेशन का लक्ष्य रखा था. लेकिन, प्रदेश को केंद्र से उतनी वैक्सीन नहीं मिल पा रही है. एक जुलाई से 23 जुलाई की रात तक प्रदेश में करीब 1 करोड़ 22 लाख लोगों का वैक्सीनेशन हुआ था. विभागीय सूत्रों की मानें तो इस महीने के अंदर 25 लाख के आसपास और वैक्सीन मिलने की उम्मीद है. ऐसे में जुलाई में कुल वैक्सीनेशन लगभग ड़ेढ़ करोड़ तक पहुंचता दिख रहा है. यानी तय लक्ष्य से आधा.
दूसरी लहर ने दिए जख्म  
बता दें कि, कोरोना वायरस की दूसरी लहर ने लोगों को कभी नहीं भूलने वाले जख्म दिए हैं. भयावह मंजर को याद कर लोग आज भी सहम जाते हैं. लोगों ने आंखों के सामने अपनों की सांसों को उखड़ते हुए देखा था. इस बीच हाल ही में आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर ने राहत देने वाली खबर दी थी. आईआईटी के प्रोफेसर मणींद्र अग्रवाल ने गणितीय विश्लेषण ‘सूत्र’ के आधार पर दावा किया था कि तीसरी लहर दूसरी लहर से कम घातक होगी. उन्‍होंने तीसरी लहर के अक्टूबर-नवबंर के बीच आने की संभावना जताई थी.

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