उत्तर प्रदेश

कायस्थ समाज ने देश को सुभाष चंद्र बोस भी दिए और विवेकानन्द भी: डॉ अरुण कुमार सक्सेना

अखिल भारतीय कायस्थ महासभा की 83 वीं राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक लखनऊ में

लखनऊ। अखिल भारतीय कायस्थ महासभा की 83वीं राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में प्रदेश के वन राज्यमंत्री अरुण कुमार सक्सेना ने कहा कि किसी भी समाज की ताकत उसकी संगठन में होती है। बरेली से कायस्थों के दम पर तीसरी बार विधानसभा चुनाव जीता हूं। कायस्थ समाज से देश को स्वामी विवेकानन्द, सुभाषचन्द्र बोस, मुंशी प्रेमचन्द, लाल बहादुर शास्त्री और सीवी रमण जैसे महापुरुष मिले हैं। उन्होंने कहा कि अपने सुनहरे अतीत को वर्तमान से समीक्षा जरूर करनी चाहिए। 1952 में उत्तर प्रदेश में कायस्थ समाज के 54 विधायक थे। लेकिन अब इनकी संख्या सिर्फ चार रह गई है।
पूर्व मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कि कायस्थ समाज ने हर दौर में आगे बढ़कर जिम्मेदारी निभाई है। दाउद इब्राहिम को महाराष्ट्र में चुनौती देने वाले बाल ठाकरे कायस्थ थे। ब्रिटिश हुकूमत को ललकारने वाले सुभाष चन्द्र बोस भी इसी समाज से थे। महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी जितेंद्र सिंह ने कहा कि कायस्थ समाज को बेरोजगारी और सामूहिक विवाह जैसे मुद्दों पर और ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है।
अतिथियों का स्वागत करते हुए कायस्थ महासभा के प्रदेश अध्यक्ष हृदय नारायण श्रीवास्तव ने कहा कि देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। इसमें इस समाज का प्रत्येक व्यक्ति अपने घरों पर तिरंगा फहराए। समाज को सामाजिक सरोकारों से भी जोड़ना समय की मांग है। कार्यक्रम का संचालन वर्षा सिन्हा ने किया।

“विभूतियों का सम्मान”
कार्यक्रम में विभिन्न क्षेत्रों की दस विभूतियों को सम्मानित किया गया। इसमें सम्मानित होने वालों में भारतीय सूचना सेवा के पूर्व अधिकारी डॉ. श्रीकांत श्रीवास्तव, इतिहासकार हेमंत कुमार श्रीवास्तव, उर्दू अकादमी के मीडिया प्रमुख आलोक श्रीवास्तव, लावारिस और गरीब बच्चों को स्कूल भेजने वाली मनोरमा श्रीवास्तव, मृगांक शेखर, सत्यव्रत लाल, अनूप श्रीवास्तव, अनिल श्रीवास्तव, रेखा परमार और शेखर को वन राज्य मंत्री अरुण सक्सेना और पूर्व मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने सम्मानित किया।

“पीले वस्त्रों से भ्रमित हो गए सिद्धार्थ नाथ”
सिद्धार्थ नाथ सिंह शनिवार को कायस्थ महासभा के कार्यक्रम में पहुंचे तो उर्दू अकादमी में मौजूद लोग या तो पीला कुर्ता पहने थे या फिर गले में पीला गमछा डाले हुए थे। ऐसा माहौल देखकर सिद्धार्थ नाथ सिंह ने अपने सुरक्षाकर्मी से कहा कि जाकर पता करो कि क्या हम ओमप्रकाश राजभर के कार्यक्रम में आ गए हैं।

Editor In Chief

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button