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एसवाईएल को लेकर हुई बैठक रही बेनतीजा

नई दिल्ली। सतलुज-यमुना लिंक (एसवाईएल) नहर के मुद्दे पर दिल्ली में केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत की अध्यक्षता में बुधवार को हुई बैठक बेनतीजा रही। बैठक में पंजाब और हरियाणा के मुख्यमंत्री भी मौजूद रहे। बैठक में कोई सहमति नहीं बन पायी। पंजाब पानी की कमी का हवाला देते हुए अपनी मांग पर अड़ा रहा।

बैठक के बाद पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि पंजाब के पास देने के लिए पानी नहीं है और इस मुद्दे पर वे सुप्रीम कोर्ट भी जाने को तैयार हैं। उन्होंने कहा कि वे सतलुज नदी को बचाना चाहते हैं। पंजाब के पास पानी नहीं है, हमारी ज़मीनों में पानी नहीं बचा। पंजाब के पास 14 लाख ट्यूब-वेल हैं और पंजाब का बड़ा हिस्सा डार्क ज़ोन में है।

उन्होंने केन्द्र सरकार से सहायता की भी मांग की। उन्होंने कहा कि हमारी नहरों के लिए केन्द्र ने एक रुपये भी नहीं दिया है। हमें फंड चाहिए। उन्होंने कहा कि उल्टा इसे यमुना सतलुज लिंक नहर बना देना चाहिए।

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि मुद्दा जल बंटवारे का नहीं बल्कि एसवाईएल निर्माण का है। पंजाब मुद्दे को टाल रहा है और पानी की कमी का हवाला दे रहा है। हरियाणा का काफी हिस्सा डार्क ज़ोन में है। हरियाणा के पास भी पानी नहीं है। एसवाईएल नहर बनना ज़रूरी है। नहर बनेगी तो पानी का विवाद खुद सुलझ जाएगा।

मनोहर लाल ने कहा कि इस मुद्दे पर यह तीसरी बैठक थी और बैठक बेनतीजा रही है। पंजाब के मुख्यमंत्री ने साफ कहा है कि उनके पास पानी नहीं है। हमारा मानना है कि पानी का बंटवारा अलग से ट्रिब्यूनल का है। वे चाहते हैं कि एसवाईएल का निर्माण हो। पंजाब ने इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट के आदेश को मानने से इनकार किया है। हम पंजाब की बातों को लेकर कोर्ट जाएंगे।

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