देश

महाराष्ट्र सरकार का फैसला: कुणबी जाति प्रमाणपत्र को लेकर क्या है नया सरकारी आदेश, कैसे मिलेगा फायदा?

महाराष्ट्र सरकार ने मराठा समुदाय को कुणबी, कुणबी-मराठा या मराठा-कुणबी जाति प्रमाणपत्र उपलब्ध कराने की प्रक्रिया सरल करने के लिए महत्वपूर्ण फैसला लिया है। यह फैसला जस्टिस संदीप शिंदे (रिटायर्ड) समिति की सिफारिशों के आधार पर लिया गया है, जिसे हैदराबाद, सतारा और बॉम्बे गजट के अध्ययन के लिए नियुक्त किया गया था।

बता दें कि मराठा समुदाय के लोगों को कुणबी जाति प्रमाण पत्र देने की मांग की गई थी ताकि वे ओबीसी आरक्षण का लाभ उठा सकें। कुणबी एक कृषि समुदाय है, जो ओबीसी श्रेणी में आता है। मराठवाड़ा क्षेत्र के ऐतिहासिक, सामाजिक और सांस्कृतिक संदर्भों के कारण यहां कुणबी और मराठा समुदाय को लेकर लंबे समय से आरक्षण से जुड़ी मांगें उठती रही हैं। जस्टिस शिंदे समिति ने पिछले दो वर्षों में मराठवाड़ा के 8 जिलों में दौरे कर कुणबी समुदाय से जुड़े हजारों दस्तावेज खोज निकाले। समिति ने हैदराबाद और दिल्ली के अभिलेखागार से भी दस्तावेज़ इकट्ठे किए हैं।

क्या है नया सरकारी आदेश?

सरकार ने गांव स्तर पर एक स्थानीय जांच समिति गठित करने का फैसला लिया है, जो योग्य व्यक्तियों की पहचान कर उनकी रिपोर्ट सक्षम प्राधिकरण को सौंपेगी।

गांव समिति में कौन-कौन होंगे?

  • ग्राम राजस्व अधिकारी
  • ग्राम पंचायत अधिकारी
  • सहायक कृषि अधिकारी

किसे मिलेगा प्रमाणपत्र?

जिन मराठा समुदाय के लोगों के पास खेती की जमीन का स्वामित्व प्रमाण नहीं है, वे हलफनामा देकर यह प्रमाणित कर सकेंगे कि वे या उनके पूर्वज 13 अक्टूबर 1967 से पहले उस क्षेत्र में रहते थे। यदि गांव या कुल (वंश) के किसी रिश्तेदार के पास पहले से कुणबी जाति प्रमाणपत्र है और वह व्यक्ति हलफनामा देकर रिश्तेदारी साबित करता है, तो यह समिति वंशावली जांच करके रिपोर्ट देगी। रिपोर्ट के आधार पर सक्षम प्राधिकारी यह तय करेगा कि कुणबी जाति प्रमाणपत्र दिया जाए या नहीं।

संबंधित समाचार

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button