
जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने बिहार की राजनीति पर बड़ा बयान दिया है। उनका कहना है कि बिहार में 60% से अधिक लोग राजनीतिक बदलाव चाहते हैं।
प्रशांत किशोर ने कहा, “हमारा आकलन है कि बिहार में 60% से ज़्यादा लोग राजनीतिक बदलाव चाहते हैं। पिछले 30-35 सालों से यहां राजनीतिक वंशवाद चल रहा है, जहां लोग लालू जी के डर से नीतीश जी को और बीजेपी के डर से लालू जी को वोट देते हैं। लोग इस चक्र से बाहर निकलना चाहते हैं।”
राष्ट्रीय जनता दल (RJD) नेता तेजस्वी यादव की बैठकों में प्रधानमंत्री मोदी की मां के खिलाफ की गई अपमानजनक टिप्पणी पर उन्होंने कहा, “राजद के नेताओं का व्यवहार उनकी कार्यशैली को दर्शाता है। वे गाली-गलौज और निंदा का सहारा लेते हैं, जो कोई नई बात नहीं है; वे उसी ढर्रे पर चल रहे हैं।”
कहां से चुनाव लड़ सकते हैं पीके?
बता दें कि प्रशांत किशोर ने संकेत दिया है कि वे आगामी विधानसभा चुनाव में करगहर (रोहतास) या राघोपुर (वैशाली) से मैदान में उतर सकते हैं। प्रशांत किशोर ने कहा कि चुनाव लड़ने की दो ही जगहें सार्थक हैं- जन्मभूमि और कर्मभूमि।
जन्मभूमि के आधार पर करगहर और कर्मभूमि के आधार पर राघोपुर उनकी पसंद हो सकते हैं। किशोर ने कहा कि अगर वह चुनाव लड़ेंगे तो तेजस्वी यादव के विरुद्ध ही, अन्यथा दूसरी जगह से लड़ने का कोई मतलब नहीं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ चुनाव लड़ने की संभावना पर उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार परदे के पीछे की राजनीति करते हैं और अगर कुमार खुद चुनाव मैदान में होते तो वह भी उनके विरुद्ध उतरते।