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शरद पवार के बाद फारूक अब्दुल्ला ने भी राष्ट्रपति चुनाव लड़ने से किया इनकार

  • फारूक अब्दुल्ला बोले- एक महत्वपूर्ण मोड़ से गुजर रहा जम्मू-कश्मीर

नयी दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस प्रमुख फारूक अब्दुल्ला ने शनिवार को राष्ट्रपति चुनाव के लिए विपक्ष का उम्मीदवार बनने से इनकार कर दिया है। आपको बता दें कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी की अगुआई में राष्ट्रपति चुनाव को लेकर विपक्षी दलों की बैठक हुई थी। इस बैठक में आम आदमी पार्टी, शिअद, बीजद और टीआरएस को छोड़कर तमाम विपक्षी पार्टियों ने हिस्सा लिया था। जिनका स्वागत खुद ममता बनर्जी ने किया।

इस बैठक का उद्देश्य राष्ट्रपति चुनाव के लिए विपक्ष के एक संयुक्त उम्मीदवार का चयन करना था लेकिन यह बैठक बेनतीजा रही और इसमें विपक्ष का संयुक्त उम्मीदवार चुना नहीं जा सका। लेकिन खबर सामने आई कि ममता बनर्जी ने शरद पवार के इनकार करने के बाद फारूक अब्दुल्ला और महाराष्ट्र गांधी के पोते गोपाल कृष्ण गांधी के नाम का प्रस्ताव रखा। हालांकि कहा जाता है कि वामदलों ने सर्वप्रथम गोपाल कृष्ण गांधी के नाम का प्रस्ताव रखा था। लेकिन शरद पवार और फारूक अब्दुल्ला ने अपना नाम वापस ले लिया।

फारूक अब्दुल्ला नहीं बनेंगे उम्मीदवार

फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि मैं भारत के राष्ट्रपति के लिए संभावित संयुक्त विपक्षी उम्मीदवार के रूप में अपना नाम विचार से वापस लेता हूं। मेरा मानना ​​है कि जम्मू-कश्मीर एक महत्वपूर्ण मोड़ से गुजर रहा है और इस अनिश्चित समय में मदद करने के लिए मेरे प्रयासों की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि मेरे आगे बहुत अधिक सक्रिय राजनीति है और मैं जम्मू-कश्मीर और देश की सेवा में सकारात्मक योगदान देने के लिए तत्पर हूं। मेरा नाम प्रस्तावित करने के लिए मैं ममता दीदी का आभारी हूं। मैं उन सभी वरिष्ठ नेताओं का भी आभारी हूं जिन्होंने मुझे अपना समर्थन दिया।

राजनाथ सिंह ने की थी बात

राष्ट्रपति चुनाव को लेकर विपक्षी दलों का मन टटोलने के लिए केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे समेत कई नेताओं से बातचीत की। हालांकि विपक्ष की तरफ से अभी तक राष्ट्रपति उम्मीदवार का नाम तय नहीं हो पाया है।

आपको बता दें कि भाजपा ने राजनाथ सिंह और जेपी नड्डा को एनडीए और यूपीए के सहयोगियों के साथ बातचीत करने के लिए नियुक्त किया है। राजनाथ सिंह ने विपक्षी दलों के साथ-साथ एनडीए में शामिल दलों के साथ भी बातचीत की। जिसमें बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक शामिल हैं।

कब होगा राष्ट्रपति चुनाव ?

चुनाव आयोग ने राष्ट्रपति चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है। जिसके मुताबिक, देश के अगले महामहिम को चुनने के लिए 18 जुलाई को वोट डाले जाएंगे। जबकि 21 जुलाई को चुनाव के नतीजे सामने आएंगे और देश को नए महामहिम मिलेंगे। इस चुनाव में सांसदों और विधायकों वाले निर्वाचक मंडल के 4,809 सदस्य मौजूदा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के उत्तराधिकारी का चुनाव करेंगे।

मुंबई में हो सकती है अगली बैठक

ममता बनर्जी ने राष्ट्रपति चुनाव को लेकर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में विपक्षी दलों की पहली बैठक बुलाई थी। जिसमें 17 पार्टियों ने हिस्सा लिया था। ऐसे में एनसीपी प्रमुख शरद पवार मुंबई में 20-21 जून को अगली बैठक बुला सकते हैं। जहां पर विपक्ष के संभावित उम्मीदवार पर चर्चा हो सकती है।

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