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समय के अनुसार संस्थाओं को बदलने की जरुरत: अमित शाह

केंद्रीय गृह मंत्री ने पुलिस अनुंसधान और विकास ब्यूरो के 51वें स्थापना दिवस को किया संबोधित

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राजधानी दिल्ली में पुलिस अनुसंधान और विकास ब्यूरो के 51वें स्थापना दिवस के एक कार्यक्रम में शामिल हुए. इस दौरान उन्होंने टोक्यो ओलंपिक में रजत पदक विजेता मीराबाई चानू को सम्मानित किया. साथ ही मणिपुर सरकार ने मीराबाई चानू को पुलिस विभाग में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (खेल) के रूप में नियुक्त किया है.

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि अगर कोई कहता है कि लोकतंत्र 15 अगस्त 1947 के बाद या 1950 में संविधान अपनाने के बाद ही आया, तो यह गलत है. लोकतंत्र हमारा स्वभाव है. उन्होंने कहा कि अगर कानून व्यवस्था ठीक नहीं है तो लोकतंत्र कभी सफल नहीं हो सकता है. क़ानून व्यवस्था को ठीक रखने का काम पुलिस करती है. पूरे सरकारी तंत्र में सबसे कठिन काम अगर किसी सरकारी कर्मचारी का है तो वह पुलिस के मित्रों का है.

अमित शाह ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि पता नहीं क्यों, लेकिन पुलिस की छवि खराब करने की कोशिश की गई. कुछ घटनाओं को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया और कुछ अन्य अच्छी घटनाओं को स्थान नहीं दिया गया. पूरे सरकारी तंत्र में सबसे कठिन काम पुलिस कर्मियों द्वारा किया जाता है.

‘समय के अनुसार संस्थाओं को बदलने की जरुरत’

अमित शाह ने कहा कि चाहे कोई भी संस्था हो वह अपने क्षेत्र के अंदर 51 साल तक अपनी प्रासंगिकता को बना सकता है और बनाए रखता है तो उसका मतलब है उसके काम में प्रासंगिकता और दम दोनों हैं. उन्होंने कहा कि समय निरंतर बदलता रहता है और समय के अनुरूप संस्थाओं को भी बदलना पड़ता है. जो संस्थान इस दृष्टि से अपने आपको बदलता है, सात्तव पूर्ण प्रदर्शन करता है और परिश्रम करता है. वही काल की इस स्पर्धा के अंदर कालजयी बनता है.

कानून व्यवस्था राज्य का विषय

गृह मंत्री ने कहा कि बीपीआर एंड डी का काम बहुत महत्वपूर्ण है. इसीलिए जब वह पहली बार यहां आए थे तो विजिटर बुक में लिखा था कि बीपीआर एंड डी के बिना अच्छे पुलिसिंग की कल्पना ही नहीं हो सकती है. बीपीआर एंड डी एक और दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। क्योंकि हमारे संघीय ढ़ाचे में संघीय शासनव्यवस्था को स्वीकार्य किया है, जिसमें केंद्र सरकार होती है, कई राज्य सरकारें होती हैं और केंद्रशासित प्रदेश होते हैं. उन्होंने कहा कि कानून व्यवस्था राज्य का विषय है.

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