उत्तर प्रदेशलखनऊ

ओवैसी की पार्टी में शामिल हुए बाहुबली अतीक अहमद, भाजपा ने कहा गुंडे ने किया गुंडे का साथ

प्रयागराज : पूर्व सांसद बाहुबली अतीक अहमद के एआईएमआईएम में शामिल होने को लेकर प्रयागराज के भाजपा नेता ने सांसद असदुद्दीन ओवैसी को हैदराबाद का गुंडा बता दिया. कहा कि गुंडों की पार्टी में गुंडे ही जाएंगे. राष्ट्रभक्तों का अपमान करने वाले ओवैसी की पार्टी में पूर्व सांसद अतीक अहमद के परिवार समेत शामिल हो जाने से कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है. वहीं, एआईएमआईएम नेताओं का कहना है कि बाहुबली पूर्व सांसद अतीक अहमद के पार्टी में शामिल होने से उत्तर प्रदेश में एआईएमआईएम में नई जान आ गयी है. इससे आगामी विधानसभा चुनाव में यूपी की राजनीति में बड़ा उलटफेर देखने को मिलेगा.

अतीक की जॉइनिंग से एआईएमआईएम कार्यकर्ताओं में उत्साह

बुधवार को प्रयागराज के शहर पश्चिमी सीट से 5 बार के विधायक रहे व फूलपुर लोकसभा सीट से सांसद चुने जाने वाले अतीक अहमद और उनकी पत्नी शाइस्ता परवीन ने असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम की सदस्यता ग्रहण कर ली. लखनऊ में आयोजित कार्यक्रम में जहां अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन ने एआईएमआईएम की सदस्यता हासिल की, वहीं गुजरात की जेल में बंद उनके पति अतीक अहमद ने भी जेल से पार्टी जॉइन करने का पत्र जारी किया.

इससे प्रयागराज में एआईएमआईएम और अतीक अहमद के समर्थकों में खुशी की लहर दौड़ गयी. पार्टी के लीगल सेल के प्रदेश अध्यक्ष आरिफ इकबाल ने कहा कि अतीक अहमद के पार्टी में जुड़ने की वजह से यूपी में उनकी पार्टी में नयी जान आ गयी है. अतीक अहमद ने 1999 में इसी तरह से अपना दल का हाथ पकड़कर उसकी पहचान प्रदेशभर में बनायी थी.

अब अतीक अहमद ने देश के सबसे बड़े मुस्लिम नेता असदुद्दीन ओवैसी के साथ हाथ मिलाया है तो इसका असर आने वाले दिनों में सिर्फ प्रयागराज में ही नहीं बल्कि प्रदेश के कई दूसरे जिलों में भी देखने को मिलेगा. एआईएमआईएम के लीगल सेल के प्रदेश अध्यक्ष इलाहाबाद हाईकोर्ट के अधिवक्ता आरिफ इकबाल ने कानूनी तर्क देते हुए अतीक अहमद को माफिया कहने पर भी सवाल उठाए.

उनका आरोप है कि भाजपा अपने पार्टी के गुंडों-माफियाओं पर सवाल नहीं उठाती. वहीं, जिन दूसरे पार्टी के नेताओं पर मुकदमें चल रहे हैं, उन्हें माफिया बताकर बदनाम करती है. बहरहाल प्रयागराज के एआईएमआईएम से जुड़े नेता और कार्यकर्ता इस बात से उत्साहित हैं कि शहर पश्चिमी विधानसभा सीट पर कई बार जीत हासिल कर चुके अतीक अहमद ने उनकी पार्टी का दामन थामा है जिसका सीधा फायदा आने वाले 2022 के विधानसभा में मिलेगा.

हैदराबाद के गुंडे ने मिलाया गुंडे से हाथ

भाजपा नेता व गोसेवा आयोग के सदस्य भोले सिंह ने एआईएमआईएम प्रमुख सांसद असदुद्दीन ओवैसी को हैदराबाद का गुंडा करार दिया. उन्होंने कहाकि राष्ट्रभक्तों का अपमान करने वाले ओवैसी हैदराबाद के गुंडे हैं. जब वो यूपी में पार्टी को विस्तार दे रहे हैं तो उन्हें अपनी पार्टी में शामिल करने के लिए अपने जैसे ही लोग मिलेंगे.

इसी वजह से उन्होंने अतीक अहमद जैसे माफिया को अपनी पार्टी में शामिल करवाया है. भाजपा नेता ने यह भी कहा कि ओवैसी पार्टी में चाहे जिसको शामिल कर लें, उससे भाजपा का कोई नुकसान होने वाला नहीं है. उन्होंने ओवैसी को सलाह दी कि राजनीति करनी है तो स्वच्छ छवि के लोगों के साथ करें न कि माफियाओं का सहारा लें.

अतीक के एआईएमआईएम में जाने से सबसे ज्यादा होगा सपा का नुकसान

शहर पश्चिमी सीट से लगातार 5 बार विधायक रहे अतीक अहमद के एआईएमआईएम में शामिल होने से सबसे ज्यादा नुकसान समाजवादी पार्टी को उठाना पड़ेगा. इस सीट पर सपा को तभी जीत मिली है जब अतीक अहमद या उनके छोटे भाई खालिद अज़ीम उर्फ़ अशरफ चुनाव लड़े हैं.

अतीक को इस सीट पर सिर्फ पहली बार 2012 के चुनाव में अपना दल के टिकट पर हार का सामना करना पड़ा है. हालांकि उससे पहले अतीक के छोटे भाई अशरफ को दो बार इस सीट पर सपा के टिकट पर हार मिल चुकी है. 1989,1991,1993,1996 और 2002 के चुनाव में अतीक अहमद को इस सीट से जीत मिली है. इसमें तीन बार अतीक अहमद निर्दलीय चुनाव लड़े थे जबकि सपा व अपना दल के टिकट पर भी चुनकर विधानसभा जा चुके हैं. 2004 के लोकसभा चुनाव में अतीक अहमद फूलपुर लोकसभा सीट से चुनाव जीतकर सांसद भी बन चुके हैं.

पीएम मोदी के खिलाफ वाराणसी से चुनाव लड़ चुके हैं अतीक अहमद

बाहुबली पूर्व सांसद अतीक अहमद 2019 के लोकसभा चुनाव में वाराणसी से पीएम मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ा था. हालांकि उस चुनाव में अतीक अहमद ने नाम वापसी का फैसला लिया था लेकिन समय से नाम वापस न कर सके थे. हालांकि बाद में उन्होंने अपनी नाम वापसी का अपील जारी कर दी थी. उसके बावजूद वाराणसी में अतीक अहमद को 855 वोट मिले थे. वो चुनाव में 18वें नंबर पर थे. इससे पहले अतीक अहमद श्रावस्ती और प्रतापगढ़ से भी चुनाव लड़कर हार चुके हैं.

अतीक अहमद जब भी चुनाव के दौरान जेल में रहे हैं, उनकी पत्नी शाइस्ता परवीन ने पति के लिए जनता के बीच जाकर वोट मांगा है. इसी तरह से अतीक अहमद के बड़े बेटे उमर ने भी पिछले चुनावों में पिता के लिए चुनाव प्रचार किया था. हालांकि अतीक की ग़ैरमौजूदगी में उन्हें कभी जीत हासिल नहीं हुई.

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