सीतापुर: किसान महापंचायत में गरजे राकेश टिकैत, सरकार पर कसे तीखे तंज
सीतापुर। शहर के आरएमपी इंटर कालेज मैदान पर सोमवार को संयुक्त किसान यूनियन की अगुवाई में किसान महापंचायत की गई। किसान महापंचायत में पहुंचे किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष किसान नेता राकेश टिकैत ने अपने संबोधन में लोगों के अंदर जोश भर दिया। इस दौरान उन्होंने कभी किसानों, मजूदरों को एक जुट होने की बात कही तो वह सरकार पर भी कटाक्ष करने से नहीं चूके। प्रदेश के मुख्यमंत्री का नाम लिए बगैर कहा कि वे कहते है हमारी सरकार नंबर 1 पर है। आखिर किस मामले में एक नंबर पर है? ये कहते हैं कि हमने गुंडागर्दी खत्म कर दी, एक गुंडा आदमी गुंडों का बादशाह बनकर गुंडागर्दी खत्म करेगा, यह बात समझ में नहीं आई?
उन्होंने कहा कि भाजपा को दवा की जरूरत है। एक दवा बंगाल में दी गयी है। एक यहां दी जाएंगी और एक 2024 के लोकसभा में दी जाएंगी। फिर ये बीमारी खत्म हो जाएंगी। उन्होंने कहा कि हमारा सहयोग करने वालो पर ये सरकार, ये लोग मुकदमें भी लिखेंगे व यहां आने वाले लोगों की गाड़ी के हिसाब से उन्हें नोटिस भी भेजे जाएंगे। ये सरकार सरकारी गुंडागर्दी के जोर पर राज करना चाहती है। उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन की मशाल दिल्ली से चल कर लखनऊ तक पहुंचेगी। पहले हम लखनऊ को चारों तरफ से घेरेंगे, उसके बाद लखनऊ के अन्दर भी जाएंगे। उन्होंने कहा कि पंचायत चुनावों में सरकार ने जिस गुण्डई का परिचय दिया, लोगों के दरवाजों पर जेसीबी ले कर पुलिस खड़ी हो गई। उनके मकानों, जमीनों की नाप जोख कराई जाने लगी। वह किसी से छिपा नहीं है।
उन्होंने कहा कि सरकार किसानों से सम्बन्धित तीनों काले कानून वापस नहीं लेती है, तब तक आन्दोलन चलता रहेगा। न घर गया हूं, न जाऊंगा। यह आन्दोलन अभी 33 महीने और चलेगा। किसान नेता ने कहा कि किसानों का धान, गेहूं सरकारी रेट पर नहीं बिक पा रहा है। सरकारी मशीनरी पर तंज कसते हुए कहा कि आने वाले चुनाव में जनता ऐसी सरकार के नुमाइंदों को कतई वोट नहीं देगी। लेकिन जिले के डीएम, एसपी सरकार के हारे हुए प्रत्याशियों को ही जीत का प्रमाण पत्र देने का काम करेंगे। आज मजदूरों की भी हालत बेहद खराब है। सरकार किसानों और मजदूरों को बांटना चाहती है।
केन्द्र सरकार पर निशाना साधते हुए राकेश टिकैत ने कहा कि आज देश की बड़ी संस्थाएं बेंची जा रही हैं। आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम में स्थित एक स्टील प्लांट को ही ले लें। जिसमें वहां के किसानों ने बाइस हजार एकड़ जमीन दान दी, ताकि एक लाख स्थानीय जरूरतमंद रोजगार पा सकें। उस स्टील प्लांट को बेंचा जा रहा है। किसान नेता ने कहा कि सरकार के इशारे पर देश की मंडियां भी बिक रही हैं। मध्य प्रदेश में 178 मंड़ियों को बेंचने का प्रस्ताव वहां की सरकार ने किया है। उन्होंने कहा कि सरकार देश में राष्ट्रीय राजमार्गों का निर्माण कर रही है। उसके आसपास बसने वाले लोगों की जमीनें ले रही है। बावजूद इसके इन राजमार्गों के पांच सौ मीटर के दायरे में कोई भी किसान, मजदूर, गरीब अपनी गुमटी, पंचर की दुकान, ढाबा नहीं रख सकता। सरकार 40 प्रतिशत किसानों को खत्म करना चाहती है।
उन्होंने आह्वान किया कि यदि आप लोग आंदोलन में शामिल नहीं होंगे तो न तो फसलें बचेंगी न ही नस्लें सुरक्षित रह सकेंगी। अपने विस्तृत संबोधन में राकेश टिकैत ने कहा कि भाजपा सरकार में पहले उद्योगपतियों के गोदाम बनते हैं फिर संसद में प्रस्ताव पारित किये जाते हैं। उन्होंने कहा कि संसद बिक चुकी है। सभी संस्थाएं सरकार के कब्जे में हैं। कोई कुछ नहीं बोल रहा है। कार्यक्रम को समाजसेवी मेधा पाटकर, किसान नेता सोनिया मान, संदीप पांडेय, किसान नेता राजवीर जादौन, अंजीत सिंह, बलजिंदर सिंह मान, उमेश पांडेय ने भी संबोधित किया। संचालन समाजसेवी ऋचा सिंह व उनके दो अन्य सहयोगियों ने किया। किसान महापंचायत में हजारों की संख्या में लोग मौजूद रहे। किसान महापंचायत में सीतापुर के अलावा, हरदोई, लखीमपुर खीरी, पीलीभीत, लखनऊ, बरेली, शाहजहांपुर, बलिया आदि प्रदेश के कई जनपदों, कई प्रांतों से लोग शामिल हुए।
सुरक्षा व्यवस्था के थे पुख्ता बंदोबस्त
सीतापुर। सिटी मजिस्ट्रेट पूजा मिश्र, एसडीएम सदर अमित भट्ट, अपर पुलिस अधीक्षक, सीओ सिटी पीयूष कुमार सिंह सहित भारी पुलिस और प्रशासनिक अमला मौके पर मौजूद है। सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सीतापुर के अलावा बाहर से भी भारी फोर्स मंगाया गया है। बाहर से चार अपर पुलिस अधीक्षक, 10 सीओ, 22 इंस्पेक्टर, 200 सब इंस्पेक्टर, 700 पुलिस आरक्षी, दो प्लाटून पीएसी भी लगाई गई है। गाड़ियों को खड़ी करने के लिए आरएमपी इंटर कॉलेज के मैदान के सामने स्थित ग्रास फार्म को पार्किंग बनाया गया है।
चलता रहा लंगर, बंटता रहा पानी
सीतापुर। किसान महापंचायत में लोगों को किसी तरह की दिक्कत न हो, इसके लिए संगठन के लोगों ने अपने वालंटियार लगा दिए थे। यातायात व्यवस्था से लेकर लोगों को बैठाने व व्यवस्थित करने के लिए वालंटियर लगे थे। तमाम लोग कार्यक्रम में आए हुए किसान, मजदूरों की सेवा सत्कार में भी लगे थे। कार्यमक्रम में दौरान लंगर भी चलता रहा। साथ ही पानी भी बंटता रहा। ताकि लोग भूखे, प्यासे न रहें।