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बिहार पर कुदरत की दोहरी मार, एक तो नेपाल ने छोड़ा पानी दूसरा जारी हुआ वर्षा का अलर्ट

बिहार के 13 जिलों पर मंडराया बाढ़ का खतरा

बिहार में बाढ़ का मंजर

पटना ,29 सितंबर (TGP),  नेपाल में बारिश की वजह से खबर आने तक 112 लोगों की मौत हो गई है। इधर  वाल्मीकिनगर और बीरपुर बैराजों से पानी छोड़ दिया गया है। बिहार सरकार ने शनिवार को राज्य के उत्तरी और मध्य भागों में कोसी, गंडक और गंगा जैसी उफनती नदियों के किनारे बाढ़ की चेतावनी जारी की है। राज्य जल संसाधन विभाग ने एक बयान में कहा, ”नेपाल में भारी बारिश के कारण, गंडक, कोसी, महानंदा आदि नदियों में पानी का बहाव शनिवार को काफी बढ़ गया है। इससे 13 जिलों के 16.28 लाख से अधिक लोगों की स्थिति और खराब हो सकती है, जो पहले से ही भारी बारिश के बाद बाढ़ से प्रभावित हैं।
वाल्मीकिनगर और बीरपुर बैराज से छोड़ा गया पानी।

श्री संतोष कुमार मल्ल (प्रमुख सचिव, राज्य जल संसाधन विभाग) ने बताया कि कोसी नदी पर बने बीरपुर बैराज से शाम 7 बजे तक कुल 5.79 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया, जो 56 साल में सबसे अधिक है। उन्होंने कहा कि तटबंधों की सुरक्षा के लिए सभी सुरक्षात्मक उपाय सुनिश्चित किए जा रहे हैं। पिछली बार इस बैराज से सबसे अधिक 7.88 लाख क्यूसेक पानी 1968 में छोड़ा गया था। इसी तरह वाल्मीकिनगर बैराज से शाम 7 बजे तक 5.38 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया। 2003 में छोड़े गए 6.39 लाख क्यूसेक के बाद यह इस बैराज से छोड़ा गया सबसे अधिक पानी है। उन्होंने कहा कि एहतियात के तौर पर कोसी बैराज के पास यातायात रोक दिया गया है।
वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि ”नेपाल के जलग्रहण क्षेत्रों में लगातार हो रही बारिश के कारण सीमावर्ती जिलों में कई स्थानों पर नदियां खतरे के निशान को छू रही हैं या उससे ऊपर बह रही हैं। उन्होंने बताया कि नेपाल ने शनिवार शाम 7 बजे तक गंडक बैराज में 5.40 लाख क्यूसेक पानी और कोसी बैराज में 4.99 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा। अधिकारियों ने बताया कि इन दो बैराजों से भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने के बाद नदी का अतिरिक्त पानी पश्चिमी और पूर्वी चंपारण, गोपालगंज, अररिया, सुपौल, कटिहार, पूर्णिया और कई अन्य जिलों के निचले इलाकों में प्रवेश कर गया है।
अधिकारियों के अनुसार कि बक्सर, भोजपुर, सारण, पटना, समस्तीपुर, बेगूसराय, मुंगेर और भागलपुर समेत गंगा के किनारे बसे करीब 13 जिलों में बाढ़ जैसी स्थिति है और मूसलाधार बारिश के बाद नदियों का जलस्तर बढऩे से निचले इलाकों में रहने वाले करीब 13.5 लाख लोग प्रभावित हुए हैं। प्रशाशन प्रभावित जिलों से बड़ी संख्या में लोगों को लगातार निकालकर राहत शिविरों में पहुँचाने के काम में लगा है |

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