बीएसपी सुप्रीमो ने कहा कि बाढ़ के समय में ही बीजेपी ने आज से अपनी जन आशीर्वाद यात्रा शुरू की हैं. बेहतर होता यदि सत्तारूढ़ पार्टी अपनी इस यात्रा को बाढ़ पीड़ित मदद यात्रा के रूप में निकालती, यही समय की जरूरत भी थी. मायावती ने कहा कि कोरोना काल के दौरान बीजेपी की जन आशीर्वाद यात्रा में सरकार नियमों को कितना निभा पायेगी, यह अब देखने की बात है. उन्होंने आरोप लगाया कि बसपा के नियम-कानून से चल रहे प्रबुद्ध वर्ग के कार्यक्रमों को प्रभावित करने का सरकारी प्रयास जारी है.
मायावती ने कहा कि मंगलवार से उत्तर प्रदेश विधानसभा का सत्र भी शुरू हो रहा है. उन्होंने कहा, ” मैंने अपनी पार्टी के विधायकों से यह अनुरोध किया है कि वे विधानसभा के नियमों का पालन करते हुये प्रदेश में जनहित के मुद्दों को उठाएं व खासकर केंद्र के तीन नये कृषि कानूनों के विरोध करें.” उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने ये कानून किसानों की सहमति के बिना ही बनाए हैं जिसका बसपा शुरू से ही विरोध करती रही है और यह चाहती है कि केन्द्र सरकार इन कानूनों को वापस ले ले. उन्होंने कहा कि केन्द्र ने इन्हें अब तक वापस नहीं लिया है, लेकिन हमारी कोशिश होगी कि बीजेपी सरकार इन्हें प्रदेश में लागू न कर पाए. प्रदेश में कानून का राज होने का दावा गलत है. कानून का राज तो वास्तव में केवल बसपा के राज में ही यहां रहा है.