ओमप्रकाश राजभर ने BJP पर बोला हमला, SP के साथ गठबंधन को लेकर किया ये दावा
सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने समाजवादी पार्टी से गठबंधन को लेकर बड़ा बयान दिया है. इसी के साथ उन्होंने बीजेपी पर भी हमला बोला. शामली थाना भवन में स्थित वंदना गार्डन में एक जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के रहने वाले योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बन गए. वहीं केशव प्रसाद मौर्य के नाम पर सरकार बनाई गई और उन्हें सीएम नहीं बनाया.
ओमप्रकाश राजभर ने अपने संबोधन में कहा कि इस बार सपा के साथ उनकी पार्टी का भी गठबंधन हुआ है और यह गठबंधन भारी मतों से उत्तर प्रदेश में विजयी होगा और पूर्ण बहुमत से सरकार बनाएगा. राजभर ने कहा कि पूर्वांचल में वो बीजेपी को एक भी सीट नहीं जीतने देंगे. उनकी पार्टी गठबंधन के साथ पूर्वांचल में 150 सीटों से ज्यादा सीटें जीतेगी. उन्होंने बीजेपी पर भ्रष्टाचार और गुंडागर्दी का आरोप लगाया. ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि बीजेपी पार्टी नफरत की राजनीति करती है, मंदिरों से किसी का भाला नहीं होने वाला है. उसने कोई विकास नहीं किया है. उन्होंने कहा कि वो नफरत की राजनीतिक को खत्म करने प्रदेश में सपा के साथ सरकार बनाएंगे और प्रदेश में गुंडाराज खत्म करेंगे.
ओमप्रकाश राजभर के बगावती तेवर
ओमप्रकाश राजभर प्रदेश में बीजेपी सरकार में मंत्री पद संभाल चुके है. बगावती तेवर दिखाते हुए उन्होंने बीजेपी को छोड़ दिया था. अब इस बार आगामी विधानसभा चुनावों के लिए उनकी पार्टी ने समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन कर लिया है. ऐसे में प्रदेश की चुनावी राजनीति गर्म होने के साथ वे नए-नए बयान दे रहे हैं. वहीं हालही में लखनऊ में राजभर समाज के कई बड़े नेताओं ने बीजेपी का दामन थाम लिया है, जो नेता बीजेपी में शामिल हुए, उनमें समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक कालीचरण राजभर का भी नाम है. कालीचरण के अलावा महाराजा सुहेलदेव सेना के अध्यक्ष बब्बन राजभर, भारतीय संघर्ष समाज पार्टी के मदन राजभर, मोनू राजभर जैसे नेताओं का नाम शामिल है.
बीजेपी बिगाड़ पाएगी राजभर का समीकरण
प्रदेश की राजनीति में इन नेताओं का नाम भले ही इससे पहले किसी सुना, पढ़ा ना हो लेकिन ये लोग अपने अपने क्षेत्रों में अच्छा राजनीतिक प्रभाव रखते हैं. मऊ में मदन राजभर, श्रावस्ती में मोनू राजभर, गाजीपुर में कालीचरण राजभर का अपनी जातियों पर अच्छा प्रभाव है. ये नेता चुनाव जीतेंगे या नहीं ये तो वक्त बताएगा, लेकिन किसी का भी जातिगत समीकरण बिगाड़ने के लिए ये नाम काफी है.