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बिहार-बंगाल के बाद झारखंड में भी हिंसा, साहिबगंज में दुर्गा पूजा विसर्जन के दौरान पथराव-आगजनी

झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले के पोटका प्रखंड में रामनवमी जुलूस पर पथराव का मामला अभी ठंडा भी नहीं पड़ा था कि साहिबगंज जिले में इसी तरह की घटना सामने आई है. चैती दुर्गा पूजा विसर्जन जुलूस के दौरान पथराव किए जाने के बाद दो समुदायों में तनाव व्याप्त हो गया. कई दुकानों और वाहनों में तोड़फोड़ और आगजनी की गई. पत्थरबाजी के दौरान स्थिति नियंत्रित करने पहुंचे सदर एसडीपीओ राजेंद्र दुबे, कुछ पुलिसकर्मी सहित एक दर्जन लोग घायल हो गए हैं.

घायलों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है. स्थिति को सामान्य करने के लिए पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा. दोनों समुदाय में बढ़ते तनाव को देखते हुए पूरे क्षेत्र को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया है. पत्थरबाजी करने वाले असामाजिक तत्वों को चिन्हित कर उनकी धरपकड़ में पुलिस जुट गई है. फिलहाल स्थिति पुलिस के नियंत्रण में है.

दरअसल, साहिबगंज जिले के नगर थाना क्षेत्र अंतर्गत कुलीपाड़ा मोहल्ले में शनिवार की शाम चैती दुर्गा पूजा विसर्जन जुलूस गुजर रहा था. इसी बीच जुलूस पर एका-एक एक पक्ष के द्वारा पत्थरबाजी कर दी गई. पत्थरबाजी के बाद भगदड़ की स्थिति उत्पन्न हो गई. पत्थरबाजी से भड़के दूसरे पक्ष के लोगों ने दुकानों और वाहनों में तोड़फोड़ शुरू कर दी. स्थिति बिगड़ती देख जिला बल के साथ-साथ जैप के जवानों को तत्काल भारी संख्या में घटनास्थल पर बुलाना पड़ा.

पुलिस-प्रशासन ने की शांति बनाए रखने की अपील

साहिबगंज जिले के उपायुक्त रामनिवास यादव और एसपी अनुरंजन किस्पोट्टा मामले की सूचना के बाद घटनास्थल पर पहुंचे. लगातार दोनों पक्षों से शांति बहाली की अपील की जा रही थी. काफी मशक्कत के बाद देर रात दुर्गा मां के प्रतिमा का विसर्जन करवाया गया. घटना में संलिप्त असामाजिक तत्वों को चिन्हित कर उनकी धरपकड़ में पुलिस-प्रशासन जुट गया है.

साहिबगंज जिले के राजमहल विधानसभा सीट से बीजेपी विधायक और राज्य के पूर्व मंत्री रहे अनंत ओझा ने पुलिस-प्रशासन से चैती दुर्गा पूजा प्रतिमा विसर्जन की जुलूस पर पथराव करने वाले असामाजिक तत्वों को चिन्हित कर कार्रवाई करने की मांग की है.

पश्चिमी सिंहभूम जिले में भी हुआ था बवाल

बता दें, साहिबगंज जिले में चैती दुर्गा पूजा प्रतिमा विसर्जन जुलूस के दौरान पथराव और बवाल से पूर्व पश्चिमी सिंहभूम जिले के पोटका प्रखंड स्थित हल्दीपोखर में रामनवमी जुलूस पर एक पक्ष के द्वारा की गई पथराव के बाद स्थिति तनावपूर्ण हो गई थी. पत्थरबाजी के दौरान एक सीओ, मुखिया सहित लगभग आधा दर्जन लोग घायल हो गए थे.

हालांकि भारी संख्या में पुलिस बलों की तैनाती के बाद स्थिति नियंत्रित हो गई थी. घटना के विरोध में शनिवार को स्थानीय लोगों ने हल्दीपोखर में बाजार बंद रखा था. घटना को लेकर भारतीय जनता पार्टी के द्वारा राज्य सरकार और अधिकारियों पर तुष्टिकरण में लिप्त होने का आरोप लगाकर ऐसी घटनाओं के लिए जिम्मेदार ठहराया गया.

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