उत्तर प्रदेश

लखनऊ में बिजली महोत्‍सव का आयोजन किया।

लखनऊ: आज़ादी के अमृत महोत्‍सव के भाग के रूप में भारत की आजादी के 75 वर्षों का उत्‍सव मनाने के लिए जिला प्रशासन लखनऊ के सहयोग से विद्युत मंत्रालय ने उत्तर प्रदेश के लखनऊ जिले में एक बिजली महोत्‍सव का आयोजन किया । बिजली महोत्‍सव का आयोजन राज्‍य और केंद्र सरकारों के बीच एक संयुक्‍त मंच के रूप में किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि योगेश शुक्ला,विधायक बीकेटी, अमरेश कुमार विधायक मोहन लालगंज एवं जिलाधिकारी लखनऊ श्री सूर्य पाल गंगवार, राघवेंद्र शुक्ला, सांसद प्रतिनिधि राजनाथ सिंह जी माननीय सांसद लखनऊ , देबाशीष सेन, क्षेत्रीय कार्यकारी निदेशक (उत्तर) एनटीपीसी लिमिटेड, मिलन कुमार, महाप्रबंधक (मा.सं) एनटीपीसी लिमिटेड, श्री योगेश कुमार निदेशक (वाणिज्य), मध्यांचल विद्युत निगम लिमिटेड, ए.के. श्रीवास्तव, निदेशक (तकनीकी ) मध्यांचल विद्युत निगम लिमिटेड ने कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। इस कार्यक्रम मे बिजली के क्षेत्र की प्रमुख उपलब्धियों को उजागर किया गया। वर्ष 2014 में जो उत्पादन क्षमता 2,48,554 मेगावाट थी, वह बढ़कर अब 4,00,000 मेगावाट हो गई है, जो कि हमारी मांग से 1,85,000 मेगावाट अधिक है। भारत अब अपने पड़ोसी देशों को बिजली निर्यात कर रहा है। पारेषण लाइनों में 1,63,000 सीकेएम वृद्धि की गई है, जो पूरे देश को एक फ्रिकवेंसी पर चलने वाले ग्रिड से जोड़ती हैं। लद्दाख से कन्याकुमारी तक और कच्छ से म्यांमार की सीमा तक यह दुनिया में सबसे बड़े एकीकृत ग्रिड के रूप में उभरा है। हम इस ग्रिड का उपयोग करके देश के एक कोने से दूसरे कोने तक 1,12,000 मेगावाट विद्युत पहुंचा सकते हैं। हमने कॉप-21 में वादा किया था कि 2030 तक हमारी 40% उत्पादन क्षमता नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों से होगी। हमने तय समय सीमा से 9 वर्ष पूर्व नवंबर 2021 तक यह लक्ष्य हासिल कर लिया है। आज हम नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों से 1,63,000 मेगावाट विद्युत का उत्‍पादन कर रहे हैं। हम विश्‍व में तेज गति से नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता संस्थापित कर रहे हैं।

2,01,722 करोड़ रुपये के कुल परिव्यय के साथ हमने पिछले पांच वर्षों में 2,921 नए सब-स्टेशन का निर्माण, 3,926 सब-स्टेशनों का संवर्धन, 6,04,465 सीकेएम एलटी लाइनों का संस्‍थापन, 11 केवी की 2,68,838 एचटी लाइनों का संस्थापन, 1,22,123 सीकेएम कृषि फीडरों का फीडर पृथक्करण और संस्थापित करके वितरण अवसंरचना को सुदृढ़ किया है। वर्ष 2015 में ग्रामीण क्षेत्रों में विद्युत आपूर्ति का औसत 12.5 घंटे था जो अब बढ़कर औसतन 22.5 घंटे हो गया है। सरकार ने विद्युत(उपभोक्ताओं के अधिकार) नियम, 2020 बनाए हैं जिसके तहत- नया कनेक्शन प्राप्त करने की अधिकतम समय सीमा अधिसूचित की गई है । रूफ टॉप सोलर को अपनाकर उपभोक्ता अब उत्‍पादक भी बन सकते हैं। समय पर बिलिंग सुनिश्चित की जाएगी। मीटर संबंधी शिकायतों को दूर करने के लिए समय-सीमा अधिसूचित की गई है। अन्य सेवाओं के लिए राज्य विनियामक प्राधिकरण समय सीमा अधिसूचित करेगा। उपभोक्ता शिकायतों के समाधान के लिए डिस्कॉम 24X7 उपलब्‍धता के कॉल सेंटर स्थापित करेंगे। वर्ष 2018 में 987 दिनों में गांवों का 100% का विद्युतीकरण(18,374) का लक्ष्‍य हासिल किया गया । 18 महीनों में 100% घरों के विद्युतीकरण(2.86 करोड़) का लक्ष्‍य हासिल किया गया। इसे दुनिया के सबसे बड़े विद्युतीकरण अभियान के रूप में जाना गया है। लोगों के लिए सौर पंपों का उपयोग शुरू करने के लिए योजना जिसके तहत – केंद्र सरकार 30% सब्सिडी देगी और राज्य सरकार 30% सब्सिडी देगी। इसके अलावा 30 फीसदी ऋण की सुविधा मिलेगी। बिजली महोत्‍सव सम्‍पूर्ण देश में उज्‍जवल भारत उज्‍जवल भविष्‍य पावर @ 2047 के तत्‍वाधान में मनाया जा रहा है ताकि अधिक से अधिक जनभागीदारी हो और बिजली क्षेत्र के विकास को वृहद पैमाने पर नागरिकों तक पहुंचाया जा सके।

इस अवसर पर उपरोक्त गणमान्‍य व्‍यक्तियों ने भाग लिया तथा आस-पास के गांवों और जिलों से भारी भीड़ देखी गई। गणमान्‍य व्‍यक्तियों ने बिजली के लाभों पर प्रकाश डाला और कहा कि पिछले कुछ वर्षों में बिजली के क्षेत्र में अभूतपूर्व वृद्धि देखी गयी है। इस आयोजन में कई लाभार्थियों ने अपने अनुभव साझा किए। आगंतुकों और मेहमानों के साथ जुडने के लिए विभिन्‍न सांस्‍कृतिक कार्यक्रमों, नुक्‍कड नाटक( सौर ऊर्जा एवं विद्युत की बचत पर आधारित) और बिजली के क्षेत्र पर लघु फिल्‍मों की स्‍क्रीनिंग का आयोजन किया गया। भारी भीड़ को देखते हुए यह सुनिश्चित किया गया कि सामाजिक दूरी और मास्‍क पहनने और सभी कोविड सुरक्षा उपायों का पालन किया जाए, साथ ही सभी उपस्थित लोगों को मास्‍क भी बांटे गये।

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