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26/11 के आतंकी तहव्वुर राणा की आखिरी कोशिश भी नाकाम, भारत प्रत्यर्पण के खिलाफ अपील खारिज

अमेरिका से भारत के लिए अच्छी खबर सामने आ रही है। मुंबई में 26/11 आतंकी हमले के आरोपी तहव्वुर राणा को भारत लाए जाने का रास्ता लगभग साफ हो गया है। जानकारी के मुताबिक, शुक्रवार (भारतीय समयानुसार) अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने आतंकी तहव्वुर राणा की भारत प्रत्यर्पण पर रोक लगाने वाली दायर याचिका को खारिज कर दिया है।

सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की याचिका

मुंबई आतंकवादी हमले के आरोपी तहव्वुर राणा ने अमेरिका के शीर्ष अदालत के ‘एसोसिएट जस्टिस’ और नौवें सर्किट के सर्किट जस्टिस के समक्ष भारत प्रत्यर्पण पर रोक लगाने की आपात अर्जी दायर की थी। ये अर्जी अमेरिका की शीर्ष अदालत की एसोसिएट जस्टिस एलेना कगन के सामने पेश की गई थी। अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर छह मार्च 2025 को जारी एक नोट में कहा गया है- ‘‘अर्जी न्यायाधीश (एलेना) कगन द्वारा अस्वीकार की गई।’’

भारत से डरा हुआ है राणा

मुंबई में 26/11 आतंकी हमले का आरोपी तहव्वुर राणा अमेरिका के लॉस एंजिलिस के ‘मेट्रोपॉलिटन डिटेंशन सेंटर’ में बंद है। राणा ने अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में दावा किया है कि पाकिस्तानी मूल का मुसलमान होने की वजह से उसे भारत में प्रताड़ित किया जाएगा। उसने यातना दिए जाने का खतरा बताया था। तहव्वुर राणा 64 वर्ष का है और उसकी पहचान पाकिस्तानी-अमेरिकी आतंकवादी के रूप में होती है। राणा मुंबई हमले के मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक डेविड कोलमैन हेडली का करीबी सहयोगी भी रह चुका है।

ट्रंप ने दी थी प्रत्यर्पण को मंजूरी 

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले महीने ही घोषणा की थी कि उनके प्रशासन ने- “दुनिया के सबसे बुरे लोगों में से एक” राणा के भारत प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी है, ताकि वह 26/11 के मुंबई हमले में संलिप्तता को लेकर “भारत में मुकदमे का सामना कर सके।”

जानें तहव्वुर राणा के बारे में

तहव्वुर हुसैन राणा मूल रूप से पाकिस्तानी है, जो कि अब कनाडा का नागिरक है। इससे पहले वह अमेरिका के शिकागो का नागरिक भी रह चुका है। राणा ने पाकिस्तानी सेना में डॉक्टर के पद पर करीब 10 साल तक काम किया है। बाद में वह नौकरी छोड़कर भारत के खिलाफ आतंकी गतिविधियों में शामिल हो गया। राणा ने मुंबई पर हमला करने के लिए पाकिस्तानी आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैय्यबा और हरकत-उल-जिहाद-ए-इस्लामी की न सिर्फ मदद की, बल्कि इस पूरी प्लानिंग का हिस्सा रहा। इस आतंकी हमले में करीब 179 लोग मारे गए थे। (इनपुट: भाषा)

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