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PM Modi Varanasi visit मॉरीशस के लिए विशेष आर्थिक पैकेज का ऐलान कर बोले प्रधानमंत्री मोदी- अलग देश, पर सपने एक…

वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत और मॉरीशस के बीच संबंधों को और अधिक प्रगाढ़ बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए गुरुवार को एक विशेष आर्थिक पैकेज की घोषणा की जिसमें भारत, मॉरिशस को निगरानी के लिए हेलिकॉप्टर, रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण बंदरगाह के पुनर्विकास में मदद और चागोस समुद्री संरक्षित क्षेत्र के विकास में सहायता करेगा।

प्रधानमंत्री मोदी और भारत यात्रा पर आये मॉरीशस के प्रधानमंत्री नवीनचंद्र रामगुलाम के बीच यहां ‘बेहद सार्थक’ वार्ता के बाद संयुक्त वक्तव्य में पीएम मोदी ने इस पैकेज की घोषणा की। दोनों देशों ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष, कार्मिक प्रशिक्षण, विद्युत और जल विज्ञान सहित सात क्षेत्रों में समझौता ज्ञापनाेें पर भी हस्ताक्षर किये।

इसके अलावा उन्होंने परस्पर सहयोग बढ़ाने की कई घोषणाएं भी की। साथ ही मॉरिशस के अनुरोध पर बुनियादी ढांचे की अनेक योजनाओं में सहायता की भी घोषणा की गयी। भारत की ओर से दिये जाने वाले वाले पैकेज में अनुदान के आधार पर शुरू की जाने वाली परियोजनाओं में नया सर शिवसागर रामगुलाम राष्ट्रीय अस्पताल, आयुष उत्कृष्टता केंद्र, पशु चिकित्सा विद्यालय और पशु अस्पताल तथा हेलीकॉप्टरों का प्रावधान है। इन पर लगभग 21 करोड़ 50 लाख डॉलर की लागत आने का अनुमान है।

अनुदान-सह-ऋण के आधार पर शुरू की जाने वाली परियोजनाओं में एसएसआर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर नए एटीसी टावर का निर्माण कार्य , मोटरवे एम 4 का विकास, रिंग रोड चरण दो का विकास और सीएचसीएल द्वारा बंदरगाह उपकरणों का अधिग्रहण शामिल है। इन पर करीब 44 करोड़ डॉलर की लागत का अनुमान है। रणनीतिक मोर्चे पर दोनों पक्षों ने मॉरीशस में बंदरगाह के पुनर्विकास तथा पुनर्गठन और चागोस समुद्री संरक्षित क्षेत्र के विकास और निगरानी में सहायता पर भी सैद्धांतिक रूप से सहमति व्यक्त की है। इसके अलावा भारत ने चालू वित्त वर्ष में दो करोड़ 50 लाख डॉलर की बजटीय सहायता प्रदान करने पर भी सैद्धांतिक रूप से सहमति दी है।

दोनों पक्षों ने सात क्षेत्रों में समझौता ज्ञापनों पर भी हस्ताक्षर किये हैं। इनमें भारत के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग और मॉरीशस के तृतीयक शिक्षा, विज्ञान एवं अनुसंधान मंत्रालय के बीच विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सहयोग के लिए समझोता ज्ञापन, वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद – राष्ट्रीय समुद्र विज्ञान संस्थान और मॉरीशस समुद्र विज्ञान संस्थान के बीच समझौता ज्ञापन, कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग के अंतर्गत ‘कर्मयोगी भारत’ और मॉरीशस सरकार के लोक सेवा एवं प्रशासनिक सुधार मंत्रालय के बीच समझौता ज्ञापन, विद्युत क्षेत्र में सहयोग पर समझौता ज्ञापन, लघु विकास परियोजनाओं के दूसरे चरण के कार्यान्वयन के लिए भारतीय अनुदान सहायता के संबंध में समझौता ज्ञापन, जल विज्ञान के क्षेत्र में समझौता ज्ञापन का नवीनीकरण, उपग्रहों और प्रक्षेपण यानों के लिए टेलीमेट्री, ट्रैकिंग और दूरसंचार स्टेशन की स्थापना तथा अंतरिक्ष अनुसंधान, विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सहयोग के लिए समझौता ज्ञापन शामिल हैं।

साथ ही भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, मद्रास और मॉरीशस विश्वविद्यालय, रेडुइट के बीच समझौता ज्ञापन और भारतीय वृक्षारोपण प्रबंधन संस्थान, बेंगलुरु तथा मॉरीशस विश्वविद्यालय के बीच समझौता ज्ञापन की भी घोषणा की गयी। इसके अलावा भारत ने टैमरिंड फॉल्स में 17.5 मेगावाट की फ्लोटिंग सोलर पीवी परियोजना स्थापित करने में भी सहयोग करेगा। इस संबंध में एक समझौते को अंतिम रूप देने के लिए राष्ट्रीय ताप विद्युत निगम लिमिटेड की एक टीम शीघ्र ही मॉरीशस का दौरा करेगी।

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