
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समस्तीपुर में लालू यादव के परिवार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि ये जमानत पर चल रहे लोग हैं। हजारों करोड़ के घोटाला करके लोगों के बीच आए हैं। प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि एनडीए सरकार गरीबों की सेवा कर रही है। नीतीश कुमार का जिक्र करते हुए कहा कि इस बार फिर बिहार में सुशासन की सरकार आने वाली है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ”इस वक्त आप जीएसटी बचत महोत्सव का पूरा मजा ले रहे हैं, और कल से छठ मईया का बड़ा त्योहार शुरू हो रहा है। इतने व्यस्त दिनों में भी आप इतनी बड़ी तादाद में यहां पहुंचे हैं। समस्तीपुर का यह जोश और मिथिला का यह उत्साह बता रहा है कि बिहार अब तेज गति से आगे बढ़ेगा, जब एनडीए की सरकार दोबारा आएगी।”
लालू परिवार पर पीएम का व्यंग्य
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ”ये लोग जमानत पर बाहर घूम रहे हैं और उन पर चोरी के आरोप हैं।” उन्होंने आगे कहा, ”हमारी सरकार गरीबों की सच्ची सेवा कर रही है। गरीबों को पक्का मकान, मुफ्त राशन, पीने का पानी, शौचालय और हर जरूरी सुविधा एनडीए सरकार मुहैया करा रही है। भाजपा कर्पूरी ठाकुर के बताए मार्ग पर आगे बढ़ रही है। हमने सभी पिछड़े वर्गों के हितों को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है।”
पीएम मोदी ने कहा, ”हम जैसे पिछड़े और गरीब घरों से निकले लोग आज इस मंच पर हैं, यह कर्पूरी जी की ही देन है। वे भारत माता के अनमोल नगीने थे। उन्हें भारत रत्न देने का अवसर मिला, यह हमारे लिए गर्व की बात है।”
ओबीसी आयोग पर प्रधानमंत्री की बात
पीएम मोदी ने कहा, ”देश में ओबीसी आयोग को संवैधानिक स्तर देने की मांग दशकों से चली आ रही थी। यह मांग भी एनडीए सरकार ने ही पूरी की। कर्पूरी बाबू मातृभाषा में शिक्षा के पक्षधर थे। एनडीए सरकार ने नई शिक्षा नीति में स्थानीय भाषाओं में पढ़ाई को बढ़ावा दिया है। हम अच्छे शासन को समृद्धि का आधार बना रहे हैं।”
पीएम मोदी ने भारत रत्न कर्पूरी ठाकुर को दी श्रद्धांजलि
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पूर्व मुख्यमंत्री एवं भारत रत्न से सम्मानित समाजवादी नेता कर्पूरी ठाकुर को उनके पैतृक गांव कर्पूरी ग्राम (समस्तीपुर) में श्रद्धांजलि दी। प्रधानमंत्री के साथ बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, केंद्रीय मंत्री एवं कर्पूरी ठाकुर के पुत्र रामनाथ ठाकुर सहित कई अन्य नेता भी मौजूद थे। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने दिवंगत नेता के परिजनों से मुलाकात भी की। कर्पूरी ठाकुर को पिछले वर्ष देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया था। चौबीस जनवरी 1924 को जन्मे ठाकुर दो बार बिहार के मुख्यमंत्री बने, हालांकि वह अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए। वह राज्य में पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण लागू करने की राह बनाने के लिए जाने जाते हैं और इसके लिए उन्होंने अपनी सरकार तक कुर्बान कर दी थी। वह बिहार के पहले गैर-कांग्रेसी मुख्यमंत्री थे।





