
मराठा आरक्षण की मांग को लेकर मुंबई में चल रहे आंदोलन के बीच बॉम्बे हाईकोर्ट में विशेष सुनवाई हुई। इस सुनवाई के दौरान कोर्ट ने आंदोलन के नेता मनोज जरांगे को सख्त हिदायत दी कि बिना प्रशासन की अनुमति के सार्वजनिक स्थानों पर अनिश्चितकालीन धरना या प्रदर्शन नहीं किया जा सकता। कोर्ट ने गणेशोत्सव के दौरान शहर में कानून-व्यवस्था बनाए रखने पर जोर देते हुए कहा कि मुंबई की यातायात व्यवस्था को बाधित करने वाले किसी भी प्रदर्शन को अनुमति नहीं दी जाएगी।
स्कूल-कॉलेज का क्या हाल, कोर्ट ने पूछा
कोर्ट ने पूछा कि धरना प्रदर्शन को लेकर स्कूल-कॉलेज का क्या हाल है? इस पर सरकार की तरफ से कहा गया कि कल से स्कूल खुलेंगे। एक दिव्यांग 5 घंटे ट्रैफिक में फंसी रही थी। इस मामले में अलग से एक वकील गुणरत्न सदावर्ते का कहना है कि इस मामले में सीधा राजनीतिक हस्तक्षेप है। शिवसेना उद्धव ठाकरे गुट और एनसीपी शरद पवार गुट के नेता उन्हें खाना पानी ट्रक में पहुंचा रहे हैं।
राजनैतिक मजबूरियां भी शामिल
वकील गुणरत्न सदावर्ते ने कहा कि राजनैतिक मजबूरियां भी शामिल हैं। मुझे जाति और राजनीति बीच में नहीं लाना है, लेकिन कई विधायक और सांसद कह रहे हैं कि इन्हें आरक्षण ओबीसी कोटे से देना चाहिए। मराठा समुदाय की तरफ से आनंद काठे नाम के एक वकील ने कोर्ट में सदावर्ते की बात पर ऑब्जेक्शन लिया। कोर्ट उनसे नाराज हुआ और पूछा आपको बीच में बोलने का कोई हक नहीं है। इस मामले में आपके पास कोई अधिकार नहीं है।
मुंबई के लोगों को हो रही परेशानी- कोर्ट
कोर्ट ने यह भी पूछा कि 2024 के GR के मुताबिक आपको आरक्षण तो दिया ही है। आपको चाहिए या नहीं, या अलग तरह से चाहिए। इस पर वकील ने कहा कि ओबीसी से चाहिए। कोर्ट ने कहा कि सरकार पर परेशानियां हैं। हमने नोट किया कि गाड़ियां रुकी हैं, कितनी शांति से प्रोटेस्ट हो रहा है। हम देख सकते हैं। मुंबई के लोगों को परेशानी हो रही है। सरकार के पास दो चैलेंज हैं। एक हमने पहले ही ऑर्डर पास किया है। दूसरा जो व्यक्ति आंदोलन कर रहा है, उनकी बाते और जो बाकी लोग आंदोलन में शामिल होने आ रहे हैं।
कोर्ट से की गई ये मांग
सरकार की तरफ से कहा गया कि कोर्ट ने जो आदेश दिया उसके आधार पर परमिशन दी गई है, लेकिन उनका पालन नहीं किया है। कोर्ट को मनोज जरांगे निर्देश देने चाहिए। 5000 से अधिक लोग शामिल नहीं होने चाहिए।
क्या चलती रहेगी ये परेशानी, कोर्ट ने सरकार से पूछा
कोर्ट ने कहा अगर उससे अधिक लोग आ रहे है तो आपने कार्यवाही क्यों नहीं की है। सरकार की तरफ से कहा गया कि पुलिस काम कर रही है, लेकिन एक डर भी है। बयानों में कहा गया कि आप एक लाठीचार्ज करिए और फिर देखिए। ये एक सीधा थ्रेट है। कोर्ट ने सरकार से पूछा कि क्या मुंबई के लोगों की यह परेशानी चलती रहेगी जब तक आंदोलन करने वालों को जो चाहिए नहीं मिलता।