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यूक्रेन से युद्ध के बीच रूस के कोर्ट की बड़ी कार्रवाई, इंस्टाग्राम और फेसबुक पर लगाया बैन

रूस और यूक्रेन के बीच भीषण युद्ध जारी है. रूसी सेना लगातार बमबारी कर रही है. इस बीच रूस की एक अदालत ने सोमवार को बड़ी कार्रवाई की है. उसने मेटा प्लेटफॉर्म को “चरमपंथी” होने का दावा किया है, जिसके बाद कोर्ट ने सोमवार को देश में फेसबुक और इंस्टाग्राम पर प्रतिबंध लगा दिया.

यह जानकारी तास समाचार एजेंसी ने दी है. रूस ने पहले ही रूसी मीडिया तक फेसबुक की पहुंच को प्रतिबंधित कर रखा है. दरअसल, यूक्रेन में रूसी सेना की बर्बरता को फेसबुक और इंटाग्राम के जरिए बराबर दिखाया जा रहा था. अब इस प्रतिबंध से रूस के लोगों तक सीधे सूचनाएं नहीं पहुंच पाएंगी.

रूस ने यूक्रेन पर 24 फरवरी को हमला किया था. करीब एक हमले का एक महीना होने जा रहा है. इस बीच दोनों देशों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है. यूक्रेन की राजधानी कीव में रूसी सेना की ओर से की जा रही भीषण गोलाबारी में एक शॉपिंग सेंटर नष्ट हो गया. सोमवार की सुबह भी गगनचुंबी इमारतों के बीच स्थित इस शॉपिंग सेंटर के मलबे से आग की लपटें उठती दिखाई दीं.

आपातकालीन अधिकारियों के मुताबिक, मध्य कीव में रातभर से जारी गोलाबारी में कम से कम आठ लोग मारे गए हैं, जबकि कई अन्य घायल हुए हैं. रूसी हमले इतने तीव्र हैं कि इमारतों में लगी लगभग हर खिड़की के शीशे चटक गए और उनमें लगी धातु की छड़ें भी मुड़ गईं.

रूस और यूक्रेन के युद्ध की तपिश पूरी दुनिया महसूस कर रही

वहीं, यूक्रेन भी दावा कर रहा है कि जंग में रूस की हालत पहले जैसी नहीं है. जंग भले ही रूस और यूक्रेन लड़ रहे हैं, लेकिन तपिश पूरी दुनिया महसूस कर रही है. नाटो के मुल्कों ने भले ही रूस के साथ सीधी लड़ाई शुरू नहीं की है, लेकिन उनकी तैयारियां बताती हैं कि दुनिया महातबाही की तरफ बढ़ रही है. ब्रिटेन से आई खबर इसकी तस्दीक कर रही है. ब्रिटेन के न्यूक्लियर वॉरहेड्स के मूवमेंट पर नज़र रखने वाली संस्था न्यूक वॉच का दावा है कि ब्रिटेन अपने एटमी वॉरहेड्स सेफ हाउस से निकालकर स्कॉटलैंड के रॉयल नेवी के आर्म्स डिपो में पहुंचा रहा है.

ब्रिटेन की 6 महाघातक न्यूक्लियर मिसाइलों का काफिला ग्लास्गो में देखा गया. ये ऐसी एटमी मिसाइलें हैं, जिन्हें जल, ज़मीन और आकाश तीनों जगह से लॉन्च किया जा सकता है. ब्रिटेन की एटमी मिसाइलों की ये मूवमेंट उस समय हो रही है, जब नाटो और रूस युद्ध से सिर्फ एक इंच की दूरी पर हैं. यही वजह है कि ब्रिटेन के एक्शन को एटमी जंग की तैयारी के तौर पर देखा जा रहा है.

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