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अखिलेश यादव ने साधा CM योगी पर निशाना- अच्छा नहीं है, यूं आवाम की आंखों में सैलाब का आना

यूपी विधानसभा चुनाव में अब तीसरे राउंड की टक्कर होने वाली है. तीसरे चरण की 59 सीटों पर 20 फरवरी को वोट डाले जाएंगे. अगले चरण में यूपी के तीन हिस्सों अवध, पश्चिमी यूपी और बुंदेलखंड में चुनाव है. तीसरे चरण में पश्चिमी यूपी के पांच जिले फिरोजाबाद, मैनपुरी, एटा, कासगंज और हाथरस हैं जहां 19 विधानसभा सीटें हैं. अवध रीजन के कानपुर, कानपुर देहात, औरैया, फर्रुखाबाद, कन्नौज, इटावा, 6 जिले हैं जहां 27 विधानसभा सीटें हैं. और बुंदेलखंड में झांसी, जालौन, ललितपुर, हमीरपुर, महोबा जिले में मतदान है जहां 13 विधानसभा सीटे हैं.

तीसरे चरण के चुनाव से ठीक पहले समाजवादी पार्टी के चीफ और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शायराना अंदाज में बीजेपी की योगी सरकार पर निशाना साधा है. अखिलेश यादव ने सुबह ट्वीट किया, ”अच्छा नहीं है, यूं अवाम की आंखों में सैलाब का आना…हुकूमत के हाथों का क़ानून के हाथों से लम्बा हो जाना.”

हर पार्टी के लिए जरूरी है तीसरा चरण

59 सीटों वाला तीसरा चरण हर पार्टी के लिए जरूरी है. बीजेपी पिछली बार के प्रदर्शन को बरकरार रखना चाहती है जबकि समाजवादी पार्टी पिछले नतीजों को अपने पक्ष में लाना चाहती है. 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी गठबंधन ने 59 में से 49 सीटों पर कब्जा किया था. समाजवादी पार्टी के हिस्से 8 सीटें आई थीं. जबकि कांग्रेस और बीएसपी को सिर्फ एक-एक सीट ही मिली थी. खास बात ये है कि तीसरे चरण में जिन 16 जिलों में चुनाव होना है उनमें से 9 जिले यादव बहुल आबादी वाले हैं. इसमें फिरोजाबाद, मैनपुरी, इटावा और एटा जैसे जिले शामिल हैं. 2017 में 30 यादव बहुल सीटों के बाजवूद एसपी सिर्फ 6 सीटें जीत पाई थी. सत्ता में रहते हुए ये समाजवादी पार्टी का सबसे खराब प्रदर्शन था.

यही वजह है कि यादव बहुत जिले को साधने के लिए बीजेपी ब्रिगेड परिवारवाद पर निशाना साध रही है. 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी हिंदुत्व की लहर पर सवार थी, जिसका फायदा साफ दिखाई दिया था. इस बार भी मुसलमान और दंगे जैसे शब्दों की गूंज के बाद सबसे ज्यादा शोर हिजाब पर मच रहा है. तीसरे चरण में 30 सीटें ऐसी हैं जो यादव बहुल हैं और ये सीटें फिरोजाबाद कन्नौज, मैनपुरी, इटावा जैसे जिलों में आती हैं. इसी मैनपुरी की करहल सीट से समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव चुनाव लड़ रहे हैं. अखिलेश को जिताने के लिए चाचा शिवपाल यादव पुरानी बातें भूलकर प्रचार कर रहे हैं.

यादवलैंड में तीसरे चरण की लड़ाई

बता दें कि यूपी में जैसे जैसे चुनाव आगे बढ़ रहा है, मुकाबला और दिलचस्प होता जा रहा है. अब यादवलैंड में तीसरे चरण की लड़ाई होनी है, जहां प्रचार के लिए सिर्फ तीन दिन बचे हैं. यादव बहुल इस इलाके में जीत और हार लखनऊ की दौड़ के लिए बहुत अहम है. अखिलेश यादव आज अपने वोटरों को एकजुट करने के लिए अवध का दौरा करेंगे. अखिलेश औरैया, कानपुर देहात, कन्नौज और फर्रुखाबाद में पार्टी कार्यकर्ताओं को जीत का मंत्र देंगे.

करहल वो सीट है जो तीसरे दौर की सबसे हॉट सीट है. इस सीट पर अखिलेश यादव का मुकाबला बीजेपी के एसपी सिंह बघेल से हैं जो केंद्र में मंत्री रहते हुए इस सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. और खास बात ये है कि तीसरे दौर के चुनाव में पूरा जोर दोनों गठबंधन का जातीय गुणा गणित को दुरुस्त करने का है. इसी हिसाब से वोट पड़ते रहे हैं इसलिए टिकट भी इसी हिसाब से बांटे गये हैं. हर पार्टी चुनावी बिसात पर फूंक फूंक कर मोहरे बिठा रही है,लेकिन किसकी शह होगी और किसकी मात ये तो 10 मार्च को नतीजे ही बताएंगे.

2017 में 59 में से 49 सीटों पर बीजेपी ने किया था कब्जा

गौरतलब है कि तीसरे चरण की 59 सीटों में से 30 यानि आधी सीटें ऐसी हैं, जो यादव बहुल आबादी वाली हैं. 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने यादवों के इस गढ़ में सेंध लगाने में कामयाब रही थी और 59 में से 49 सीटों पर कब्जा किया था. समाजवादी पार्टी के हिस्से सिर्फ आठ सीटें आई थीं,जबकि कांग्रेस और बीएसपी को एक-एक सीट से संतोष करना पड़ा था. लेकिन इस बार हालात अलग हैं, इसलिए हर कोई अपने-अपने तेवर और तर्कों से वोटरों को लुभाने में जुटा है. लेकिन किसकी कोशिश कामयाब होती है, इसका पता 10 मार्च को ही चलेगा जब नतीजे आएंगे.

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