देशबड़ी खबर

95 साल की उम्र में पंजाब के पूर्व CM प्रकाश सिंह बादल का निधन, 2 दिनों का राष्ट्रीय शोक-27 को अंतिम संस्कार

पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल का निधन हो गया है. वो मोहाली के फोर्टिस अस्पताल में भर्ती थे. यहीं शिरोमणि अकाली दल के संस्थापक प्रकाश सिंह बादल ने अंतिम सांस ली. वो आईसीयू में एडमिट थे. उन्हें सांस लेने में तकलीफ हो रही थी, जिसके बाद 16 अप्रैल को उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था. इसके बाद से ही उन्हें आईसीयू में रखा गया था. उनकी उम्र 95 साल थी. उन्हें ब्रोन्कियल अस्थमा और गैस्ट्राटिस की शिकायत बताई गई थी.

उनके बेटे सुखबीर सिंह बादल के पर्सनल असिस्टेंट ने इस खबर की जानकारी दी. चंडीगढ़ के सेक्टर 28 में स्थित शिरोमणि अकाली दल के मुख्यालय में बुधवार सुबह 10 बजे से 12 बजे तक उनका पार्थिव शरीर रखा जाएगा. यहां लोग उनके अंतिम दर्शन कर पाएंगे. इसके बाद अंतिम यात्रा बठिंडा के बादल गांव तक जाएगी. 27 अप्रैल को दोपहर 1 बजे गांव वहीं उनका अंतिम संस्कार होगा.

प्रकाश सिंह बादल के निधन पर केंद्र सरकार ने 2 दिनों के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की है. पिछले साल जनवरी में कोविड 19 से भी संक्रमित हुए थे. तब उन्हें लुधियाना के एक अस्पताल में भर्ता कराया था. बाद में वो अगले महीने मोहाली के एक प्राइवेट हॉस्पिटल में एडमिट हुए.

पिछले साल हुए पंजाब विधानसभा चुनाव में वो सबसे ज्यादा उम्र के उम्मीदवार थे. हालांकि वो लांबी विधानसभा सीट से आम आदमी पार्टी के कैंडिडेट गुरमीत सिंह खुदियान से हार गए थे.

अपने राजनीतिक इतिहास में बादल ने कई रिकॉर्ड बनाए. 1952 में वो सबसे कम उम्र के सरपंच बने. वो बादल गांव से चुने गए थे. 1970 में वो राज्य के सबसे कम उम्र के मुख्यमंत्री बने. तब वो 43 साल के थे. इसके साथ ही वो 2012 में जब मुख्यमंत्री बने तो सबसे उम्रदराज सीएम बनने का रिकॉर्ड बनाया. तब उनकी उम्र 85 साल थी.

वो 5 बार मुख्यमंत्री रहे. 1970 से 71, 1977 से 80, 1997 से 2002, 2007 से 12 और 2012 से 2017 तक वो पंजाब के सीएम रहे. इसके साथ ही वो एक बार लोकसभा के सदस्य भी रहे. 1997 में वो कुछ महीनों के लिए केंद्रीय कृषि मंत्री भी रहे. बादल का जन्म 8 दिसंबर 1927 को पंजाब प्रांत के अबुल खुराना में हुआ था. बादल ने लाहौर के फोरमैन क्रिश्चियन कॉलेज से बीए किया था.

20 साल की उम्र में ही उनका राजनीतिक करियर शुरू हो गया. 1957 में वो पहली बार विधायक चुने गए. 1972, 1980 और 2002 में नेता प्रतिपक्ष भी रहे. वो 10 बार विधानसभा के लिए चुने गए. 1995 से 2008 तक वो शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष भी रहे. इसके बाद उनके बेटे सुखबीर सिंह बादल पार्टी प्रमुख हैं. 2015 में भारत सरकार ने उन्हें पद्म विभूषण से सम्मानित किया था.

संबंधित समाचार

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button