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उप्र चुनाव की तैयारियों पर प्रशासनिक अधिकारियों के साथ चुनाव आयोग ने की मैराथन बैठक

यूपी विधानसभा चुनाव 2022: चुनाव में निशाने पर रहेंगे कालेधन के कुबेर, शराब तस्करी पर रहेगी चौकस निगाहें

लखनऊ। इत्र कारोबारी पीयूष जैन के कन्नौज और कानपुर के ठिकानों से भारी मात्रा में नकदी की बरामदगी का संदर्भ देते हुए भारत निर्वाचन आयोग ने प्रदेश में होने जा रहे विधान सभा चुनाव में काली कमाई के इस्तेमाल की आशंका जतायी है। आयोग ने प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों को काले धन की बरामदगी की कार्रवाई में तेजी लाते हुए चुनाव में इसके इस्तेमाल पर अंकुश लगाने का निर्देश दिया है। मतदाताओं को प्रलोभन देने के लिए शराब की तस्करी और इस्तेमाल पर भी सख्ती से कार्रवाई करने की हिदायत दी है। चुनाव को पूरी निष्पक्षता से संपन्न कराने पर जोर देते हुए आयोग ने चेताया है कि यदि चुनावी प्रक्रिया से जुड़े किसी अधिकारी के खिलाफ पक्षपात करने की शिकायत सही पायी गई तो उसके विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी।

आयोग ने चुनाव में बाहरी कारकों का हस्तक्षेप रोकने के लिए सीमावर्ती जिलों पर खास फोकस रखने का निर्देश भी दिया है। विधान सभा चुनाव की तैयारियों की समीक्षा के लिए राजधानी आये मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुशील चंद्रा, निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार व डा.अनूप चंद्र पांडेय सहित भारत निर्वाचन आयोग की 13 सदस्यीय टीम ने बुधवार को सभी मंडलायुक्तों, पुलिस महानिरीक्षकों जिलाधिकारियों तथा वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों/पुलिस अधीक्षकों के साथ सचिवालय के तिलक हाल में बैठक कर चुनावी परि²श्य और तैयारियों पर चर्चा की। दो चरणों में हुई समीक्षा में आयोग ने पहले पश्चिमी और फिर पूर्वी उप्र के नौ-नौ मंडलों के अधिकारियों के साथ बैठक की।

सभी दलों से करें समान व्यवहार: आयोग ने अधिकारियों को चुनाव के दौरान सभी राजनीतिक दलों के साथ समान व्यवहार करने की सख्त हिदायत दी। कहा कि यदि किसी दल की ओर से कोई शिकायत की जाती है तो जिलाधिकारी उसकी जांच कर मामले का निपटारा करें और आयोग को भी इससे अवगत कराएं। मंगलवार को आयोग के साथ हुई बैठक में विपक्षी दलों ने चुनाव के दौरान प्रशासनिक मशीनरी के दुरुपयोग की आशंका जतायी थी।

शराब तस्करी पर कसें शिकंजा: आयोग ने हरियाणा से सटे जिलों और मथुरा में तस्करी कर लाई जाने वाली शराब की कम बरामदगी की ओर ध्यान आकर्षित किया। पिछले हफ्ते देहरादून में हुई समीक्षा बैठक में मिले फीडबैक के आधार पर यह भी कहा कि बरेली से शराब उत्तराखंड जाती है, इस पर भी रोक लगाई जाए। विभिन्न प्रदेशों से लगे सीमावर्ती जिलों में शराब की तस्करी, आवाजाही रोकने के लिए सघन चेकिंग और इंटेलिजेंस नेटवर्क को और सक्रिय करने पर जोर दिया।

संवेदनशील और अति संवेदनशील बूथों का आधार पूछा: आयोग ने अधिकारियों से उनके जिलों में संवेदनशील और अति संवेदनशील पोलिंग बूथों को चिन्हित करने का आधार भी पूछा। मंगलवार को राजनीतिक दलों ने इन श्रेणियों के बूथों को लेकर सरोकार जताये थे।

किसान आंदोलन का असर जाना: पश्चिमी उप्र के जिलों में किसान आंदोलन को लेकर भी आयोग ने संबंधित मंडलों और जिलों के अधिकारियों से चर्चा की। उनसे यह जानने की कोशिश की कि आंदोलन का चुनावी गतिविधियों पर क्या प्रभाव पड़ेगा।

कोविड को लेकर सर्तकता, 1250 से ज्यादा वोटर होने पर अतिरिक्त बूथ: कोरोना संक्रमण को देखते हुए आयोग ने बूथों पर ज्यादा भीड़ न इकट्ठा होने देने की हिदायत दी। मतदाता सूची पुनरीक्षण अभियान में वोटरों की संख्या बढ़ी है। इसलिए यह भी निर्देश दिया कि यदि किसी बूथ पर मतदाताओं की संख्या 1250 से ज्यादा होती है तो अतिरिक्त बूथ बनाया जाए। मतदान केंद्रों पर फेस मास्क और सैनिटाइजर की समुचित व्यवस्था करने के लिए भी कहा।

मतदाताओं व महिला वोटरों की संख्या बढ़ाने पर जोर: बीते दिनों संचालित मतदाता सूची पुनरीक्षण अभियान के आधार पर जिलाधिकारियों से उनके जिलों में मतदाताओं की बढ़ी संख्या के बारे में आयोग ने पूछा। महिला मतदाताओं की संख्या बढ़ाने और ज्यादा से महिलाओं को वोट डालने के लिए प्रेरित करने पर जोर दिया। महिलाओं के लिए अलग बूथ बनाने और उनमें महिला मतदान कार्मिकों की तैनाती का सुझाव भी दिया।

औसत मतदान प्रतिशत को 72 प्रतिशत तक पहुंचाएं: आयोग ने प्रदेश के औसत मतदान प्रतिशत को बढ़ाकर 70-72 प्रतिशत तक पहुंचाने के लिए भी अधिकारियों से मशक्कत करने का आह्वान किया। जिलाधिकारियों से पूछा कि वे मतदताओं की संख्या बढ़ाने, कुल मतदाताओं में महिला वोटरों का अनुपात बढ़ाने और मतदान प्रतिशत में इजाफे में से किस चुनौती को चुनौती को स्वीकार करना पसंद करेंगे? गौरतलब है कि पिछले विधान सभा चुनाव में प्रदेश में 61.04 प्रतिशत औसत मतदान हुआ था। आयोग ने पहली बार के मतदाताओं (18-19 वर्षीय युवाओं) पर खास फोकस करने के लिए भी अफसरों को ताकीद किया। यह भी जानने की कोशिश की कि चुनाव प्रबंधन के लिए अधिकारियों ने क्या अभिनव प्रयोग किए।

पांच से ज्यादा बूथ तो अलग-अलग हो प्रवेश व निकास द्वार : आयोग ने यह भी निर्देश दिया कि यदि किसी मतदान केंद्र पर पांच या इससे ज्यादा बूथ हों तो वहां प्रवेश व निकास द्वार अलग-अलग होने चाहिए। साथ में बड़ा वेटि?ंग एरिया भी होना चाहिए।

दिव्यांग मतदाताओं के लिए बूथों पर व्यवस्था : आयोग ने पोलिंग बूथों पर बिजली, पेयजल व शौचालय आदि की सुविधाओं की अनिवार्यता पर बल दिया। दिव्यांग मतदाताओं की खास जरूरतों का ख्याल रखते हुए रैंप आदि की व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए कहा।

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