खेती-किसानी

किसानों की समृद्धि, धरती, जल एवं पर्यावरण सुधार में इफको का सराहनीय प्रयास।

आज हमारा देश खाद्यान्न उत्पादन में आत्मनिर्भर है और विश्व के अनेक देशों को उनकी मांग के अनुसार खाद्यान्न उत्पादन का निर्यात होता है और यह सब संभव हो पाया है I हरित क्रांति के सफल प्रयासों से- उन्नत खाद, उन्नत बीज और सिंचाई के साधनों के द्वारा I
परंतु इस दौड़ में कुछ दुष्परिणाम भी सामने आए हैं हमारी धरती मिट्टी जल एवं पर्यावरण की समस्याओं से दो-चार होना पड़ रहा है क्योंकि संतुलित उर्वरक ना करके हम यूरिया और डीएपी का अंधाधुंध उपयोग कर रहे हैं जबकि हमें गुणवत्ता युक्त खाद्यान्न उत्पादन हेतु 17 तत्वों को संतुलित मात्रा में फसल की मांग के अनुसार ही देना चाहिए था I
विभिन्न विभागों कृषि विश्वविद्यालयों से जुड़े हुए वैज्ञानिकों ने भरसक प्रयास किया परंतु अधिक उत्पादन हेतु यूरिया डीएपी की मांग बढ़ती रही जबकि अन्य तत्वों का उपयोग आवश्यकता के अनुसार नहीं हुआ I
विश्व की सर्वश्रेष्ठ एवं नंबर 1 सहकारी संस्था इंडियन फार्मर्स फर्टिलाइजर कोऑपरेटिव लिमिटेड इफको ने इस से प्रेरणा लेकर और माननीय प्रधानमंत्री के बहुमुखी विकास के विचारों से प्रेरित होते हुए नैनो यूरिया तरल का आविष्कार किया जिसकी एक बोतल आधा लीटर की होती है और एक बोरी यूरिया के बराबर काम करती है I जहां परंपरागत यूरिया की उपयोग क्षमता यानी प्रभाव क्षमता मात्र 35 से 40% होती है वही नैनो यूरिया की क्षमता 86 प्रतिशत से अधिक मापी गई है I कीमत भी 1बोरी से कम है नैनो यूरिया मात्र रु 225 प्रति बोतल है जबकि 1 बोरी यूरिया का दाम ₹266 से अधिक है I वर्ष 2022 के दौरान 71 लाख से अधिक नैनो यूरिया तरल की बिक्री से भारत सरकार को मात्र उत्तर प्रदेश के किसानों से 1285 करोड़ रुपए की अनुदान सहायता में राहत मिली है क्योंकि प्रति बोरी यूरिया पर भारत सरकार को 1800 रुपए के आसपास अनुदान भी देना पड़ता है नैनो यूरिया के उपयोग से उत्पादन में वृद्धि खरपतवार में कमी पौधों में रोगों से लड़ने की क्षमता में बढ़ोतरी पाई गई है
उत्तर प्रदेश राज्य के राज्य विपणन प्रबंधक, इफको ,श्री अभिमन्यु राय का कथन है कि नैनो यूरिया इस सदी का महत्वपूर्ण क्रांतिकारी आविष्कार है जो कि इफको द्वारा विश्व में प्रथम बार निर्मित किया गया है I नैनो यूरिया के प्रयोग से मिट्टी जल और वायु प्रदूषण से मुक्ति मिलेगी और साथ ही साथ उत्पादन की बढ़ोतरी, भंडारण तथा परिवहन में भी सुलभता सिद्ध हो रही है | इसके व्यापक उपयोग से भारत सरकार को अनुदान में भी कमी होने से सरकारी खजाने पर भी भार कम होगा
किसानों के बीच इसकी लोकप्रियता बढ़ाने हेतु राज्य सरकार भी कटिबद्ध है और कृषि एवं सहकारिता विभाग के अधिकारियों का भी सकारात्मक प्रयास सफल हो रहा है I
मुख्य प्रबंधक कृषि सेवाएं इफको डॉ जीपी तिवारी बताते हैं कि प्रदेश के सभी जिलों में इसकी लोकप्रियता और अंगी करण को बढ़ावा देने हेतु किसानों एवं बिक्री केंद्र कार्मिकों के साथ साथ अधिकारियों को बड़े पैमाने पर प्रशिक्षित भी किया जा रहा है I
चालू सत्र में भी कृषि विज्ञान केंद्रों, कृषि विश्वविद्यालयों तथा किसानों के खेतों पर तरह-तरह की फसलों पर इफको संस्था के परामर्शदाता एवं वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ के एन तिवारी के नियमित एवं सफल सहयोग के माध्यम से प्रदर्शन आयोजित किए जा रहे हैं I इसके साथ साथ इफको द्वारा वर्ष 2023 में नैनो डीएपी की भी सौगात शीघ्र ही किसानों को उपयोग हेतु मिल जाएगी

Editor In Chief

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