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गिनीज बुक में दर्ज है इंडस्ट्री के इस मशहूर पिता-पुत्र की जोड़ी का नाम, वजह जान आप भी रह जाएंगे भौंचक्के

एक तरफ सदी के महानायक अमिताभ बच्चन हैं, जिन्होंने अपने दशकों के फिल्मी करियर में कई हिट फिल्में दी हैं और दूसरी तरफ अभिषेक बच्चन हैं, जिन्हें अक्सर उनकी फ्लॉप फिल्मों और एक्टिंग के लिए निशाना बनाया जाता है। भले ही अभिषेक बच्चन ने ज्यादा हिट फिल्में ना दी हों, लेकिन उनके काम को कई बार सराहा भी गया है। खासतौर पर ‘गुरु’ और ‘पा’ जैसी फिल्मों के जरिए अभिषेक ने अपनी एक्टिंग का लोहा मनवाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। वहीं अमिताभ बच्चन एक बार फिर पिछले दिनों रिलीज हुई ‘कल्कि 2898 एडी’ के साथ दर्शकों के बीच एक बार फिर छा गए। लेकिन, क्या आप जानते हैं अमिताभ बच्चन और अभिषेक बच्चन का नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी दर्ज है।

गिनीज बुक में दर्ज है अमिताभ-अभिषेक का नाम

जी हां, अमिताभ बच्चन और अभिषेक बच्चन फिल्मी दुनिया की ऐसी इकलौती पिता-पुत्र की जोड़ी हैं, जिनका नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज है। अब आप सोच रहे होंगे कि दोनों ने ऐसा क्या किया है, जो इनका नाम गिनीज बुक में दर्ज है? तो चलिए आपको बताते हैं कि अमिताभ और अभिषेक का नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में क्यों दर्ज है। इसको जानकर आपको हैरानी भी होगी।

इस फिल्म के चलते गिनीज बुक में दर्ज है अमिताभ-अभिषेक का नाम

दरअसल, अमिताभ बच्चन और अभिषेक बच्चन का नाम उनकी एक फिल्म के चलते गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज है। इस फिल्म में अभिषेक बच्चन ने अपने पिता यानी अमिताभ बच्चन के पिता का रोल प्ले किया था। अब तो आप समझ ही गए होंगे कि हम किस फिल्म की बात कर रहे हैं। जी हां, हम बात कर रहे हैं 2009 में रिलीज हुई ‘पा’ की, जिसमें बेटे अभिषेक पिता और पिता अमिताभ ने बेटे का रोल निभाया था।

पहली बार हुआ ये कारनामा

फिल्म इंडस्ट्री में ऐसा पहली बार हुआ था जब किसी बेटे ने अपने पिता के पिता का किरदार निभाया हो। इससे पहले ना तो बॉलीवुड में ऐसा हुआ था और ना साउथ सिनेमा में। इसी वजह से अमिताभ बच्चन और अभिषेक बच्चन का नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज किया गया है।

पा की कहानी

‘पा’ में अमिताभ बच्चन ने एक ऑरो नाम के ऐसे बच्चे का किरदार निभाया था, जो प्रोजेरिया नाम की रेयर डिजीज से पीड़ित है। ये ऐसी बीमारी है जिसमें कम उम्र के बच्चों में बुढ़ापे के लक्षण दिखने लगते हैं। ऑरो की जिंदगी में तब नया मोड़ आता है, जब एक पॉलिटीशियन उससे मिलने आता है और फिर उसे पता चलता है कि वही ऑरो का पिता है।

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