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अब तक खत्म क्यों नहीं हुआ भ्रष्टाचार? नोटबंदी के 5 साल पूरे होने को लेकर BJP सरकार पर प्रियंका गांधी का तंज

नोटबंदी के पांच साल पूरे होने के मौके पर कांग्रेस और टीएमसी ने बीजेपी को एक बार फिर आड़े हाथों लिया है. कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी और सवाल उठाया कि पांच साल गुजरने के बाद भी भ्रष्टाचार खत्म क्यों नहीं हुआ. इसके साथ ही कांग्रेस और टीएमसी ने नोटबंदी को एक आपदा बताते हुए बीजेपी सरकार की आलोचना की. कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने आज ट्वीट कर कहा कि अगर नोटबंदी सफल रही तो भ्रष्टाचार खत्म क्यों नहीं हुआ?

प्रियंका गांधी ने ट्वीट के जरिए तंज कसते हुए कहा कि नोटबंदी के पांच साल बाद भी काला धन वापस क्यों नहीं आया? अर्थव्यवस्था कैशलेस क्यों नहीं हो गई? आतंकवाद को चोट क्यों नहीं लगी? महंगाई पर काबू क्यों नहीं है? वहीं टीएमसी नेता डेरेक ओ’ब्रायन ने 8 नवंबर को “काला दिन” करार देते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के 2016 के ट्वीट के स्क्रीनशॉट शेयर किए. इन ट्वीट्स में सरकार से कठोर फैसले को को रद्द करने के लिए कहा गया था.

‘नोटबंदी से ध्वस्त हुई देश की अर्थव्यवस्था’

कांग्रेस ने नोटबंदी के पांच साल पूरे होने पर दावा किया कि इस कदम से देश की अर्थव्यवस्था ऐसे ध्वस्त हुई कि आजतक उठ नहीं सकी. यूपी कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने सरकाऱ पर जमकर हमला बोला. सीनियर कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने भी इस मामले पर ट्वीट किया. उन्होंने कहा कि ‘‘पहले हमें बताया गया कि नोटबंदी का मकसद कैशलेस अर्थव्यवस्था है. जल्द ही सर्वज्ञानी ने पटरी बदल दी और कहा कि कैशलेस नहीं, बल्कि कम कैश है. अब चलन में नकदी नोटबंदी के पहले के समय के मुकाबले ज्यादा हो चुकी है.”

जयराम रमेश ने आरोप लगाया कि हर बीतते साल के साथ यह और भी साफ होता जा रहा है कि आठ नवंबर, 2016 दुनिया के आर्थिक इतिहास सबसे बड़ी नीतिगत गलती थी. वहीं कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने 8 नवंबर को नोटबंदी की पांचवीं बरसी करार दिया. उन्होंने कहा कि आर्थिक दृष्टि से भी आज एक महत्वपूर्ण दिन है, क्योंकि 2016 में आज के ही काले दिन भारत की इकोनॉमी को ध्वस्त किया गया था, जिससे वो आज तक नहीं उठ पाई है.

8 नवंबर 2016 को हुआ था नोटबंदी का ऐलान

बता दें कि पीएम मोदी ने 8 नवंबर 2016 को नोटबंदी का ऐलान किया था. इसके साथ ही देशभर में हड़कंप मच गया था. नोटबंदी के तहत 1000 और 500 रुपये के नोट चलन से बाहर हो गए थे. इसके बाद 2000 और 500 रुपये नये नोट जारी किए गए थे.

काले धन को कम करने और टैक्स पेयर्स बढ़ाने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 नवंबर, 2016 को 500 और 1,000 रुपये के नोट वापस ले लिए थे. नोटबंदी को लेकर विपक्ष लगातार सरकार को घेरती रही है. बता दें कि नोटों की अचानक वापसी से बैंकों में नकदी की कमी हो गई थी. बैंक और एटीएम की कतारों में खड़े होने की वजह से 115 लोगों की जान चली गई थी.

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