कारोबार

NSE को मिल गया नया चेयरमैन, शेयर बाजार एक्सचेंज में दो साल से खाली था ये महत्वपूर्ण पद

भारतीय शेयर बाजार के प्रमुख एक्सचेंज NSE (नेशनल स्टॉक एक्सचेंज) ने अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण (IFSCA) के पूर्व चेयरमैन इंजेती श्रीनिवास को मंगलवार को अपना चेयरमैन नियुक्त किया। एनएसई में दो साल से कोई चेयरमैन नहीं था। ये नियुक्ति ऐसे समय में हुई है जब शेयर बाजार एक्सचेंज अपना आईपीओ लाने की तैयारियों में जुटा हुआ है। ओडिशा कैडर के 1983 बैच के आईएएस अधिकारी श्रीनिवास पिछले ही हफ्ते एनएसई के बोर्ड में जनहित निदेशक के रूप में शामिल हुए थे। एक बयान में, एनएसई के बोर्ड और मैनेजमेंट ने एनएसई के संचालन बोर्ड के चेयरपर्सन के रूप में श्रीनिवास का स्वागत किया।

कॉरपोरेट मामलों के सचिव के रूप में भी सेवाएं दे चुके हैं श्रीनिवास

इंजेती श्रीनिवास ने पूर्व में कॉरपोरेट मामलों के सचिव के रूप में कार्य किया है और वे आईएफएससीए के संस्थापक चेयरपर्सन थे। वहां उन्होंने संस्थागत सुधारों, संचालन व्यवस्था को बेहतर बनाने और प्रणालीगत नीति नवाचार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। श्रीनिवास के पास कॉरपोरेट और वित्तीय विनियमन, औद्योगिक संवर्धन, कॉरपोरेट और दिवाला कानून, प्रतिस्पर्धा कानून, चार्टर्ड अकाउंटेंसी, लागत लेखा, कंपनी सचिव कानून, सार्वजनिक नीति और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग में चार दशकों से ज्यादा का अनुभव है।

2020 से 2023 तक IFSCA के संस्थापक चेयरमैन थे एनएसई चेयरमैन

एनएसई के मुताबिक, साल 2020 से 2023 तक IFSCA के संस्थापक चेयरमैन के रूप में, उन्होंने भारत के पहले अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय नियामक की स्थापना की और वैश्विक बैंकिंग, फिनटेक, सतत वित्त, फंड इकोसिस्टम, SGX-NSE IFSC कनेक्ट, बुलियन एक्सचेंज, एयरक्राफ्ट लीजिंग, GCC और संबंधित सेवाओं में पहल को बढ़ावा दिया।

दिल्ली यूनिवर्सिटी के श्री राम कॉलेज ऑफ कॉमर्स से पढ़ें हैं इंजेती

इंजेती श्रीनिवास ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के श्री राम कॉलेज ऑफ कॉमर्स से इकोनॉमिक्स में बी.ए. (ऑनर्स) और स्ट्रैथक्लाइड ग्रेजुएट बिजनेस स्कूल, यूके से एमबीए की डिग्री प्राप्त की है। उनका करियर नीति नेतृत्व, नियामक नवाचार और अंतर्राष्ट्रीय जुड़ाव के अनूठे मिश्रण को दर्शाता है, जो संस्थागत सुधार, शासन संवर्धन और प्रणालीगत नीति नवाचार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जटिल संगठनों का नेतृत्व करने, नियामक ढांचों को आकार देने और वैश्विक संबंधों को बढ़ावा देने में उनकी सिद्ध विशेषज्ञता है।

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