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24 लाख टैक्सपेयर को मिला इनकम टैक्स रिफंड, लिस्ट में आपका नाम है या नहीं, ऑनलाइन ऐसे करें चेंक

जिन लोगों ने अपना इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल कर दी है, उनके लिए एक जरूरी अपडेट है. सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेस (CBDT) ने बताया है कि उसकी तरफ से इनकम टैक्स रिफंड देने का काम शुरू कर दिया गया है. सीबीडीटी के मुताबिक अब तक 23.99 लाख लोगों करदाताओं को रिफंड दे दिया गया है. रिफंड की इस प्रक्रिया के अंतर्गत 1 अप्रैल, 2021 से 30 अगस्त, 2021 तक 67,401 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं. अगर आपने पहले ही आईटीआर दाखिल कर दी है, तो लिस्ट में नाम चेक कर सकते हैं. हालांकि यह उनके लिए नहीं है जिन्होंने हाल-फिलहाल में ही रिटर्न भरा है क्योंकि इसे प्रोसेस होने में कुछ महीने लगते हैं.

रिफंड जारी करने के बारे में सीबीडीटी ने कहा कि 22,61,918 केस में करदाताओं को 16,373 करोड़ रुपये का रिफंड दिया गया है. इसी के साथ कॉरपोरेट टैक्स के मामले में 1,37,327 केस के लिए 51,029 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई है. इन दोनों श्रेणियों में जो लोग या संस्थान आते हैं, वे लिस्ट में अपना नाम चेक कर सकते हैं. इससे पता चल जाएगा कि उन्हें रिफंड मिला है या नहीं. ध्यान रखना होगा कि रिफंड का भी एक खास नियम है जिसके लागू होने पर ही पैसा मिलता है.

10 दिन में मिल जाता है रिफंड!

सरकार का नियम कहता है कि ITR filing के 10 दिन के अंदर आईटीआर रिफंड (ITR refund) दे दिया जाता है. लेकिन यह मियाद सभी मामलों में नहीं देखा जाता क्योंकि कई वजहों से रिटर्न मिलने में कई-कई दिन या कुछ महीने भी लग सकते हैं. अगर आपको लगता है कि रिफंड की श्रेणी में आप आते हैं, रिफंड के नियमों को ‘फुलफिल’ करते हैं तो रिफंड की लिस्ट में अपना नाम जरूर चेक करना चाहिए. इसके लिए आपको आयकर विभाग की वेबसाइट incometaxindia.gov.in पर जाना होगा. यहां लॉगिन होने के बाद अपनी जानकारी दर्ज करनी होगी.

किसे मिलता है रिफंड

अब आइए जान लेतें हैं कि किन लोगों को रिफंड मिलता है और किसे नहीं. रिफंड उन्हीं लोगों को मिलता है जिन्होंने वास्तविक कर की रकम से ज्यादा टैक्स भरा है. यह अक्सर टीडीएस के मामले में देखा जाता है. आप जिस टैक्स देनदारी के दायरे में हैं, उससे ज्यादा टीडीएस कट जाए तो आयकर विभाग रिफंड जारी करता है. हालांकि इनकम टैक्स एक्ट 1961 में रिफंड क्लेम का कोई खास नियम नहीं बताया गया है. इसके लिए आप साधारण तौर पर हाथ से एक आवेदन लिखकर टैक्स विभाग को दे सकते हैं. इसमें जिक्र करना होगा कि इनकम कितनी है और आपका डिडक्शन क्या बनता है. इसके लिए सबसे सही तरीका इनकम टैक्स रिटर्न फाइल का होता है.

ऐसे में नहीं मिलेगा पैसा

हमेशा ध्यान रखें कि आईटीआर सही तरीके से भरा गया हो. आपका आईटीआर इलेक्ट्रॉनिक वेरिफिकेशन कोड से भरा जाना चाहिए जो बैंक अकाउंट से जुड़ा होता है. इसमें आधार नंबर से जुड़े मोबाइल के ओटीपी का भी उपयोग होना चाहिए. आईटीआर फाइल करने के 120 दिनों के अंदर हस्ताक्षर किए गए आईटीआर-वी (एकनॉलजमेंट) को सेंट्रल प्रोसेसिंग सेंटर में भेजना होता है. इसके साथ ही आपका इनकम टैक्स रिटर्न वेरिफाई नहीं हुआ है तो अपने आधार की मदद से दोबारा वेरिफाई करने के लिए रिक्वेस्ट भेजना होता है. साइन किए गए ITR-V फॉर्म को स्पीड पोस्ट से इनकम टैक्स सीपीसी ऑफिस, बेंगुलुरु भेजना होता है. जब तक ये प्रक्रिया पूरी नहीं होगी आपके खाते में रिफंड की रकम नहीं आएगी.

ऐसे चेक करें नाम

इंडिविजुअल टैक्सपेयर रिफंड चेक करने के लिए नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (NSDL) की वेबसाइट पर जाएं. यह काम इनकम टैक्स की ई-फाइलिंग पोर्टल पर जाकर भी कर सकते हैं. एनएसडीएल की वेबसाइट पर टैक्सपेयर को पैन और एसेसमेंट ईयर की डिटेल देनी होगी. इसके बाद proceed बटन पर क्लिक करना होगा. इसी के साथ स्क्रिन पर इनकम टैक्स रिफंड का स्टेटस दिखने लगेगा.

  • सबसे पहले इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के ई-फाइलिंग पोर्टल पर जाएं
  • यहां view returns/forms को सलेक्ट करें
  • अब my account टैब पर जाएं और income tax return को सलेक्ट करें
  • अब submit पर क्लिक करें
  • एकनॉलेजमेंट नंबर पर क्लिक करें

एक पेज खुलेगा जिसपर टैक्स रिफंड का स्टेटस दिखेगा. अगर टैक्सपेयर ने रिफंड में इंटरनेट बैंकिंग का विकल्प दिया है तो सीधा खाते में पैसे ट्रांसफर होंगे. अन्यथा बताए गए पते पर डिमांड ड्राफ्ट आएगा. इसलिए आईटीआर भरते वक्त अपनी सही-सही जानकारी ही दर्ज करें

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