अतीक के बेटे अली को झांसी जेल पहुंचाने वाला इंस्पेक्टर निलंबित

अतीक अहमद के बेटे अली अहमद को नैनी सेंट्रल जेल से झांसी जेल पहुंचाने वाले इंस्पेक्टर अशोक कुमार को निलंबित कर दिया गया। इंस्पेक्टर पर नियमों के उल्लंघन करने का आरोप था। इसी आरोप में उनके खिलाफ कार्रवाई कर विभागीय जांच बैठा दी गई है। नैनी सेंट्रल जेल से झांसी जेल ले जाते समय पुलिस अभिरक्षा के लिए इंस्पेक्टर अशोक कुमार, दो दरोगा और पांच हेड कांस्टेबल व कांस्टेबल की ड्यूटी लगाई गई थी। इस दौरान अली अहमद ने मीडिया को बयान देते हुए मुख्यमंत्री से गुहार लगाई थी कि अब न सताया जाए। नियम का उल्लंघन और सुरक्षा में चूक मानते हुए कार्रवाई की गई है।
झांसी पहुंचने पर अली ने पुलिस की मौजूदगी मीडिया से बातचीत करते हुए कई बात कही थी। इसके बाद झांसी जेल के भीतर अली की तलाशी का वीडियो भी इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित हुआ था। एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि नियम का उल्लंघन होने पर इंस्पेक्टर अशोक कुमार को निलंबित करते हुए विभागीय जांच बैठाई गई है। इस मामले में इंस्पेक्टर के साथ गए दो दारोगा और पांच हेड कांस्टेबल व कांस्टेबल का भी बयान लिया जाएगा। नैनी सेंट्रल जेल में निरुद्ध रहे बंदी अली अहमद को एक अक्टूबर 2025 को झांसी जेल में शिफ्ट किया गया था।
पांच करोड़ रुपये रंगदारी, धमकी का दर्ज है मामला
चकिया निवासी एक प्रापर्टी डीलर ने अली अहमद और उसके साथियों पर पांच करोड़ रुपये की रंगदारी मांगने, जान से मारने की धमकी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इस मामले में 30 जुलाई 2022 को अली ने कोर्ट में सरेंडर किया था। जहां से उसे न्यायिक अभिरक्षा में नैनी सेंट्रल जेल भेजा गया था। जेल में रहने के दौरान ही प्रदेश के चर्चित उमेश पाल और उसके दो सरकारी गनर की हत्या के मामले में भी अली को आरोपित बनाया गया था। नैनी सेंट्रल जेल में अली से मिलने के लिए एक वकील गया था। इस मामले में लापरवाही मिलने पर डिप्टी जेलर कांति देवी और जेल वार्डर संजय द्विवेदी को निलंबित कर दिया गया था। इसके साथ ही अली के बैरक की निगरानी और बढ़ा दी गई थी।