हरदोई के कृष्ण मोहन बने राम मंदिर के नए ट्रस्टी, बैठक में सर्वसम्मिति से हुआ निर्णय

अयोध्या। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के ट्रस्टियों की बैठक मंगलवार को अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास के आश्रम मणिरामदास छावनी में संपन्न हुई। जिसमें ट्रस्ट के सदस्य कामेश्वर चौपाल के निधन के बाद रिक्त पद पर उन्हीं के ही समाज से राम मंदिर ट्रस्ट का सदस्य चुना गया। इसके साथ ही अंतिम चरण में चल रहे मंदिर निर्माण कार्य और 25 नवंबर को होने वाले ध्वजारोहण कार्यक्रम पर मंथन किया गया।
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपतराय ने बताया कि फरवरी 2025 में कामेश्वर चौपाल का निधन हुआ था। उनके स्थान पर इस समाज के व्यक्ति का चयन किया जाना था, जहां सभी के सामूहिक परामर्श के आधार पर हरदोई के रहने वाले कृष्ण मोहन के नाम पर सहमति दी गई, कहा कि 70 के दशक में लखनऊ विश्वविद्यालय से एमएससी किया है। फिर आटॉमिक एनर्जी के क्षेत्र में लगभग छह वर्ष काम करने का बाद इनका चयन भारतीय वन सेवा में हुआ, 2012 में सेवानिवृत होने के बाद सामाजिक कार्यों में सक्रिय हुए। जिसके नाम पर समाज में मंथन करने के बाद उनका नाम ट्रस्ट में जोड़ा गया है।
म्यूजियम में रामायण पर शोध करने की भी होगी सुविधा
सरयू तट स्थित रामकथा संग्रहालय को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तैयार किए जाने का कार्य चल रहा है। जिसमें राम मंदिर से संबंधित अवशेष और उनके दस्तावेजों को रखा जाएगा। इसके अलावा दुनिया भर की रामायण पढ़ने और शोध करने के लिए सुविधा दी जाएगी।
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि अंतर्राष्ट्रीय राम कथा संग्रहालय का निर्माण कार्य में सिविल वर्क चल रहा है। काम पूरा होने के बाद डिस्प्ले वर्क होगा, इसके लिये आईआईटी मद्रास को जिम्मेदारी दी गई है। जो 7डी के आधार पर गलियों को तैयार कर रहा है। कहा कि देश में रामायण की जितने भी प्रकार हैं उन सभी को संग्रहालय से जोड़ने का प्रयास है। बताया कि अयोध्या का एक नौजवान जो दिल्ली में संपर्क में आया है, उसके पास 52 प्रकार की रामायण रखी हुई है।
पार्लियामेंट से भी यूनिक होगी राममंदिर की बाउंड्रीवॉल
राम मंदिर परिसर के 3:50 किलोमीटर के बाउंड्रीवॉल निर्माण का काम शुरू हो गया है। ट्रस्टी चम्पतराय ने दावा किया कि राममंदिर परिसर की बाउंड्रीवॉल पार्लियामेंट सहित प्रमुख स्थानों से भी यूनिक होगी। कहा कि 25 नवंबर को राम मंदिर पर ध्वजारोहण का कार्यक्रम संपन्न किया जाएगा, उसकी तैयारी चल रही है। सभी ट्रस्टों ने इस कार्यक्रम को लेकर सहमति दे दी है, 22 जनवरी के कार्यक्रम की पुनरावृत्ति ना हो उसका ध्यान रखते हुए इस पूरे कार्यक्रम को अयोध्या केंद्रित रखा जाएगा।
जिसमें अयोध्या के आसपास के जनपद और पूर्वी उत्तर प्रदेश तक सीमित रहेगा। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के ट्रस्टियों की बैठक में पूज्य जगद्गुरु शंकराचार्य वासुदेवानंद, पूज्य महंत नृत्य गोपाल दास, पूज्य गोविंद देव गिरि, जगद्गुरु मध्वाचार्य विश्वप्रसन्न तीर्थ, पूज्य महंत दीनेंद्र दास, निपेंद्र मिश्र, डॉ. अनिल मिश्र, डीएम निखिल टीकाराम फुंडे के साथ महंत कमलनयन दास, दिनेशचंद्र, गोपाल राव शामिल रहे। वहीं मुख्य ट्रस्टी के परासरण समेत दो अन्य ट्रस्टी भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक में शामिल हुए।
राममंदिर निर्माण में अब तक खर्च हुए 1400 करोड़: नृपेंद्र
श्रीराम मंदिर निर्माण समिति ने मार्च 2026 तक राम मंदिर पूरी तरह तैयार करने का लक्ष्य निर्धारित कर दिया है, समिति की तीन दिवसीय बैठक के पहले दिन यह भी निर्णय किया गया कि अब किसी भी तरह का नया प्रोजेक्ट नहीं शुरू किया जाएगा। यह जानकारी देते हुए समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने बताया राम मंदिर परिसर के सभी प्रोजेक्ट को मार्च 2026 तक पूर्ण करने के लिए एलएनटी और टाटा का कार्यकाल सितंबर 2025 से बढ़कर मार्च 2026 तक कर दिया गया है, ताकि संपूर्ण निर्माण समय पर पूर्ण हो सके। उन्होंने बताया कि मंदिर निर्माण काय में अब तक लगभग 1400 करोड रुपये का खर्च हुए हैं। इसमें से अब तक करीब 1100 करोड रुपये का भुगतान हो चुका है।