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Vice Presidential Election: शाह के आरोपों पर बोले बी.सुदर्शन रेड्डी- मेरे खिलाफ माहौल बनाना चाहते हैं गृह मंत्री

लखनऊ। उपराष्ट्रपति पद के लिए ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) के उम्मीदवार एवं उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति बी. सुदर्शन रेड्डी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा उन पर नक्सलवाद का समर्थन करने के आरोप को लेकर बहस को आगे बढ़ाने से इनकार करते हुए कहा कि शाह उनके खिलाफ माहौल बनाना चाहते हैं।

रेड्डी ने उपराष्ट्रपति पद को राजनीतिक के बजाय ‘उच्च संवैधानिक’ पद करार देते हुए मंगलवार को सभी दलों से अपील की कि वे गुण-दोष के आधार पर उनकी उम्मीदवारी पर गौर करें। ‘इंडिया’ गठबंधन के प्रमुख घटक दलों कांग्रेस और समाजवादी पार्टी (सपा) के नेताओं से विचार-विमर्श के लिए लखनऊ आए रेड्डी ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव की मौजूदगी में संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में शाह द्वारा लगाए गए आरोपों पर कहा, ‘‘मैं इस विषय पर पिछले चार दिन से लगातार बात कर रहा हूं। इस समय मेरे पास कहने के लिए कुछ नया नहीं है। यह सवाल अब नया नहीं है।’’

रेड्डी ने कहा, ‘‘वह (शाह) एक ‘नैरेटिव’ बनाने की कोशिश कर रहे हैं। मैं पहले ही इस पर अपनी प्रतिक्रिया दे चुका हूं और जो कुछ कहना था, वह कह चुका हूं। मैं इस बहस को और आगे नहीं बढ़ाना चाहता।’’ उन्होंने कहा कि वह हमेशा संविधान की प्रस्तावना की मूल भावना के साथ खड़े रहे हैं और आगे भी पूरी मजबूती से खड़े रहेंगे। 
रेड्डी ने कहा, ‘‘संविधान के साथ मेरी यात्रा 1971 में एक वकील के रूप में शुरू हुई थी। आपने यहां देखा होगा कि संविधान की प्रस्तावना लगी है। मैं उन्हीं मूल्यों के साथ खड़ा हूं और देश को आश्वस्त करता हूं कि आगे भी ऐसा ही करता रहूंगा।’’

उन्होंने उपराष्ट्रपति पद को लेकर कहा, ‘‘मेरा मानना है कि उपराष्ट्रपति, जो राष्ट्रपति के बाद देश का दूसरा सर्वोच्च पद है, वह कोई राजनीतिक पद नहीं है, बल्कि एक उच्च संवैधानिक पद है।’’ रेड्डी ने कहा, ‘‘प्रतिपक्ष ने मुझ पर विश्वास जताया है और इसके लिए मैं बहुत आभारी हूं। मुझे यह जानकर खुशी हो रही है कि वे लोग भी मेरी मदद के लिए आगे आ रहे हैं जो इंडिया गठबंधन में शामिल नहीं हैं।’’

उन्होंने सभी राजनीतिक दलों से अपील करते हुए कहा, ‘‘मैं सभी राजनीतिक दलों के सदस्यों से आग्रह करता हूं कि वे दलगत भावना से ऊपर उठकर मेरी उम्मीदवारी पर गुण-दोष के आधार पर विचार करें।’’ रेड्डी ने यह भी स्पष्ट किया कि उन्होंने राजनीति में प्रवेश नहीं किया है, बल्कि एक संवैधानिक पद के लिए उम्मीदवार बनाए गए हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘कुछ लोग मुझसे पूछते हैं कि मैंने राजनीति अखाड़े में कदम क्यों रखा। मैंने जवाब दिया कि मैंने राजनीति में कदम नहीं रखा है। यह एक उच्च संवैधानिक पद है, जिस पर पहले दार्शनिक, राष्ट्रनेता और शिक्षाविद् रह चुके हैं- जैसे डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन, डॉ. जाकिर हुसैन, पूर्व राजनयिक डॉ. के. आर. नारायणन और बाद में श्री हामिद अंसारी। ये सभी मेरे लिए प्रेरणा स्रोत हैं।’’ रेड्डी ने कहा, ‘‘मुझे जिस पद के लिए उम्मीदवार बनाया गया है, उसके लिए मैं सभी विपक्षी राजनीतिक दलों का हृदय से आभार प्रकट करता हूं।’’

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