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यूपी में मंत्री के बेटे को अनधिकृत प्रोटोकॉल: निजी सचिव पर गिरी गाज, जानें पूरा मामला

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार में जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह के बेटे अभिषेक सिंह को बिना आधिकारिक पद के वीआईपी प्रोटोकॉल दिलाने का मामला सामने आने के बाद सख्त कार्रवाई की गई है। इस मामले में मंत्री के निजी सचिव आनंद शर्मा को उनके पद से हटा दिया गया है। इस घटना ने लखनऊ से लेकर दिल्ली तक BJP के शीर्ष नेतृत्व में नाराजगी पैदा की थी, जिसके बाद यह कदम उठाया गया।

जालौन डीएम-एसपी को मिला था पत्र

जानकारी के अनुसार, जालौन के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक को मंत्री के निजी सचिव की ओर से एक पत्र भेजा गया था, जिसमें स्वतंत्र देव सिंह के बेटे को जिले में भ्रमण के दौरान वीआईपी प्रोटोकॉल देने का निर्देश था। हालांकि, अभिषेक सिंह किसी भी आधिकारिक पद पर नहीं हैं, जिसके कारण यह निर्देश नियमों का उल्लंघन माना गया। मामले के तूल पकड़ने पर निजी सचिव के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की गई।

प्रोटोकॉल क्या है?

प्रोटोकॉल एक ऐसी व्यवस्था है जो यह सुनिश्चित करती है कि किसी व्यक्ति को उसकी स्थिति के आधार पर सम्मान, सुविधाएं और सुरक्षा प्रदान की जाए। इसमें स्वागत, बैठने की व्यवस्था, सुरक्षा प्रबंध और संचार के नियम शामिल हो सकते हैं। इसका उद्देश्य किसी आयोजन या मुलाकात को व्यवस्थित, औपचारिक और सम्मानजनक बनाना होता है।

किन्हें मिलता है प्रोटोकॉल?

भारत में प्रोटोकॉल का लाभ कुछ खास व्यक्तियों और पदों को उनकी जिम्मेदारियों और महत्व के आधार पर दिया जाता है। इसमें शामिल हैं:  
– उच्च सरकारी पदाधिकारी: राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री को सर्वोच्च स्तर का प्रोटोकॉल प्राप्त होता है। केंद्रीय और राज्य मंत्रियों, राज्यपालों और मुख्यमंत्रियों को उनके पद के अनुसार प्रोटोकॉल मिलता है।  
– न्यायिक अधिकारी: सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के न्यायाधीशों के लिए विशेष प्रोटोकॉल नियम लागू होते हैं।  
– विदेशी मेहमान: राजदूतों, उच्चायुक्तों और विदेशी राष्ट्राध्यक्षों को कूटनीतिक प्रोटोकॉल के तहत विशेष सम्मान और सुरक्षा दी जाती है।  
– सैन्य अधिकारी: सेना प्रमुख जैसे उच्च सैन्य अधिकारियों को औपचारिक और सुरक्षा प्रोटोकॉल प्रदान किया जाता है।  
– विशेष व्यक्ति: कुछ गैर-सरकारी व्यक्तियों, जैसे प्रमुख नेता, सामाजिक कार्यकर्ता या खतरे का सामना कर रहे लोग, जिन्हें X, Y, Z श्रेणी की सुरक्षा दी जाती है, उन्हें भी प्रोटोकॉल मिल सकता है।  
– पुरस्कार विजेता: भारत रत्न और पद्म पुरस्कार प्राप्त व्यक्तियों को विशेष अवसरों पर प्रोटोकॉल के तहत सम्मान दिया जा सकता है।

इस घटना ने नियमों के पालन और प्रोटोकॉल के दुरुपयोग को लेकर एक बार फिर चर्चा छेड़ दी है।

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