उत्तर प्रदेशलखनऊ

सीएम को लिखा पत्र : आउटसोर्स कर्मचारियों का नहीं बढ़ा वेतन, 9 लाख कार्मिकों की समस्या नहीं हो रही कम

लखनऊ। प्रदेश के सरकारी विभागों में आउटसोर्स व्यवस्था के तहत अलग- अलग पदों पर पिछले कई वर्षों से लगभग 9 लाख आउटसोर्स कर्मचारी तैनात हैं। जिसमें चिकित्सा स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा तथा विद्युत जैसी महत्वपूर्ण सेवाएं भी शामिल हैं । यह सभी कर्मचारी विभिन्न सेवा प्रदाता फर्मो द्वारा तैनात किये गये हैं, राजकीय विभागों में कार्यरत लाखों आउटसोर्स कर्मचारीयों को बेहद कम वेतन पिछले कई वर्षों से मिल रहा है। खास बात यह है कि इन्हें किसी भी प्रकार के वेतन बढ़ोतरी का लाभ नहीं मिलता है । यही वजह है कि आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के संगठनों द्वारा वेतन बढ़ोतरी की आवाज समय समय पर उठाई जाती रही है।

एक बार फिर इस संबंध में आउटसोर्सिंग कर्मचारी संघ के महामंत्री सच्चिता नन्द मिश्रा ने मंगलवार को मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है, साथ ही यह पत्र विधानसभा अध्यक्ष, नेता प्रतिपक्ष को भी लिखा गया है। पत्र में सरकार की तरफ से की गई घोषणाओं की जानकारी दी गई है। महामंत्री सच्चिता नन्द मिश्रा ने कहा कि बार-बार सरकार की ओर से घोषणाएं होने के बावजूद भी आउटसोर्स कर्मचारीयों का वेतन बढ़ोतरी न होना एक बेहद चिंता का विषय है, इसके कारण लाखों कर्मचारियों में हीन भावना उत्पन्न हो रही है, इतना ही नहीं यह कर्मचारी आक्रोशित भी हो रहे हैं। विधानसभा सत्र के दौरान की गई घोषणाओं का अनुपालन न होना भी एक बेहद चिंता का विषय है । उन्होंने बताया कि इस पत्र के जरिये मुख्यमंत्री जी से एक बार पुनः अपील है कि प्रदेश के लाखों आउटसोर्स कर्मचारीयों का न्यूनतम वेतन 16000 रुपए करते हुए अन्य सभी संवर्ग के कर्मियों का वेतन बढ़ाए जाने का आदेश दिया जाये।

सरकार की तरफ से कर्मचारियों के लिए हुई घोषणायें

– वर्ष 2018 में आउटसोर्स सेवा नियमावली की घोषणा बाद में प्रस्ताव निरस्त कर दिया गया ।
– 9 अगस्त 2018 को मुख्यमंत्री ने केजीएमयू लोहिया और एसजीपीजीआई में कार्यरत आउटसोर्स कर्मियों के लिए वेतन निर्धारण समिति का गठन करने का निर्देश हुआ, जिसकी रिपोर्ट शासन को जाने के बाद भी वेतन बढ़ोतरी नहीं हुई।
 – 20 अप्रैल 2023 को मुख्यमंत्री द्वारा प्रदेश के समस्त मेडिकल कॉलेज तथा चिकित्सा संस्थानों में कार्यरत आउटसोर्स कर्मचारीयों के वेतन निर्धारण के लिए वेतन समिति का गठन किया गया । रिपोर्ट 9 जून 2023 को शासन भेज दी गई, लेकिन 2 साल  बाद भी उसका शासनादेश जारी नहीं हुआ।
 –  21 फरवरी 2025 को विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान सदन में मुख्यमंत्री की तरफ से घोषणा की गई कि आउटसोर्स कर्मचारी का न्यूनतम वेतन 16000 रुपए प्रतिमाह करते हुए आउटसोर्स सेवा निगम का गठन किया जाएगा, लेकिन 6 माह बीत जाने के बाद भी कर्मचारियों का वेतन बढ़ोतरी नहीं हुआ ।

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